चीन के विदेश मंत्री वांग यी सोमवार (18 अगस्त) को भारत पहुंचे. दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया गया. एनएसए अजीत डोभाल के निमंत्रण पर यी दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं. दिल्ली पहुंचने पर चीनी विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने सीमा विवाद, द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा की.
भारत और चीन के बीच प्रतिनिधि स्तर पर वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा ‘आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई प्रमुख प्राथमिकता है. मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं. कुल मिलाकर उम्मीद है कि हमारी चर्चा भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देगी. जो हमारे हितों की पूर्ति करेगा और हमारी चिंताओं का समाधान करेगा.आप चीन में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन से ठीक पहले भारत आए हैं. हमने इसकी अध्यक्षता के दौरान चीनी पक्ष के साथ मिलकर काम किया है. हम आपके लिए अच्छे परिणामों और निर्णयों के साथ एक सफल शिखर सम्मेलन की कामना करते हैं’.
जयशंकर ने किया स्वागत
भारत के विदेश मंत्री ने कहा ‘भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 24वें दौर की वार्ता के लिए आपका और आपके प्रतिनिधिमंडल का मैं भारत में स्वागत करता हूं. अक्टूबर 2024 में कजान में हमारे नेताओं की मुलाकात के बाद से यह किसी चीनी मंत्री की पहली यात्रा भी है. यह अवसर हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों को पूरा करने और समीक्षा करने का अवसर प्रदान करता है. यह वैश्विक स्थिति और आपसी हित के कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का भी उपयुक्त समय है.
‘दोनों राष्ट्र अब आगे बढ़ना चाहते हैं’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा ‘हमारे संबंधों में एक कठिन दौर देखने के बाद दोनों राष्ट्र अब आगे बढ़ना चाहते हैं. इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. उस प्रयास में हमें तीन पारस्परिक बातों आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित का ध्यान रखना चाहिए. मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए और न ही प्रतिस्पर्धा, संघर्ष बनना चाहिए’.
चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अपनी बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा ‘जब दुनिया के दो सबसे बड़े देश मिलते हैं, तो स्वाभाविक है कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा होगी. हम एक निष्पक्ष, संतुलित और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था चाहते हैं, जिसमें बहुध्रुवीय एशिया भी शामिल हो. बहुपक्षवाद में सुधार भी आज की आवश्यकता है. वर्तमान परिवेश में, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और उसे बढ़ाना भी स्पष्ट रूप से आवश्यक है. सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई एक और प्रमुख प्राथमिकता है. मैं हमारे विचारों के आदान-प्रदान की आशा करता हूं’.
क्या बोले चीनी विदेश मंत्री वांग यी
वहीं वि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा ‘हमने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखा और शिजांग स्वायत्त क्षेत्र में माउंट गंग रेनपोछे और लेक मपाम युन त्सो की भारतीय तीर्थयात्रा फिर से शुरू की. हमने हस्तक्षेप को दूर करने, सहयोग का विस्तार करने और चीन-भारत संबंधों के सुधार और विकास की गति को और मजबूत करने का विश्वास साझा किया, ताकि अपने-अपने कायाकल्प को आगे बढ़ाते हुए, हम एक-दूसरे की सफलता में योगदान दे सकें और एशिया और दुनिया को सबसे आवश्यक निश्चितता प्रदान कर सकें’