‘तमिलनाडु सरकार बनने ही नहीं दे रही गरीबों के मकान’, लोकसभा में बोले शिवराज

संसद के चालू मॉनसून सत्र का चौथा हफ्ता चल रहा है और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को हटा दें, तो कार्यवाही सुचारु तरीके से नहीं चल सकी है. 18वें दिन शुभांशु शुक्ला के सफल अंतरिक्ष मिशन पर चर्चा होनी थी, लेकिन हंगामे के कारण नहीं हो सकी. आज कार्यवाही शुरू होने से पहले एनडीए संसदीय दल की बैठक हुई, जिसमें गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भी शामिल हुए.

तमिलनाडु की सरकार ने 2 लाख 15 हजार मकान गरीबों के स्वीकृत ही नहीं किए हैं. ये गरीबों के साथ धोखा है, पाप है, अन्याय है. 3 लाख से ज्यादा मकान के लिए पैसा दिया जा चुका है, लेकिन मकान पूरे ही नहीं हुए हैं. 608 करोड़ रुपये तमिलनाडु सरकार के खाते में पड़ा हुआ है, लेकिन ये मकान बनने नहीं दे रहे हैं. इनको तकलीफ क्या है. गरीबों के मकान बनेंगे तो मोदी जी का नाम होगा, इनको ये तकलीफ है. इन्होंने मकान के लिए सर्वे ही नहीं किया. ये पाप है. मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं, तमिलनाडु सरकार से गरीबों से अन्याय ना करे,

कृषि शिक्षा को लेकर सवाल पर मंत्री भगीरथ चौधरी ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, आईसीआर के माध्यम से कृषि शिक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है. विकसित कृषि संकल्प अभियान को लेकर सवाल पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहा ने कहा कि हम एग्रीकल्चर एजुकेशन को कैसे बेहतर कर पाएं, इसका भी प्रयास करेंगे. ये मोदी सरकार है, लैब के शोध को लैंड पर पहुंचाने का फैसला किया है. पहली बार कृषि वैज्ञानिक लैब से निकलकर लैंड पर गए हैं. इसके सुपरिणाम सामने आए हैं. लगभग 500 ऐसे विषय मिले हैं, जिन पर शोध की जरूरत है. 300 नवाचार किसानों ने भी किए हैं. 3 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक फिर विकसित कृषि अभियान शुरू होगा और हम फिर से किसानों के बीच जाएंगे. अब ये सरकार कृषि भवन से नहीं, खेत-खलिहान से चलेगी.

 

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