मंत्रिमंडल विस्तार में नए चेहरे: खुशवंत साहेब, राजेश अग्रवाल और गजेंद्र यादव बन सकते हैं मंत्री, पहले कभी नहीं रहे मंत्री पद पर

साय मंत्रिमंडल का विस्तार लगभग तय हो गया है। दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब नए मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह के लिए छत्तीसगढ़ मंडपम में तैयारियां शुरू हो गई हैं।

बताया जा रहा है कि तीनों मंत्रियों को कार देने के लिए स्टेट गैरेज में तैयार किया जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह कल दोपहर 11 बजे के आसपास हो सकता है। तीनों विधायकों को मैसेज पहुंचाया जा रहा है, ताकि वह समय पर उपस्थित हो सकें। इससे पहले CM विष्णुदेव साय ने शनिवार को राज्यपाल रामेन डेका से मुलाकात की थी।

वहीं मंत्रिमंडल विस्तार पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी के 3 सीनियर विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दी है। कहीं धमकी के चलते तो मंत्रिमंडल विस्तार नहीं टल रहा है। पूर्व सीएम अपने करीबी को मंत्री बनवाने दिल्ली गए हैं। नए मंत्री बनते ही सरकार की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।

CM के विदेश दौरे से पहले शपथ ग्रहण की तैयारी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 21 अगस्त को जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर रवाना होंगे। इससे पहले शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी चल रही है। मंत्रिमंडल विस्तार पर सीएम साय ने कहा था कि इंतजार करते रहिए, हो सकता है।

बीजेपी में इस फॉर्मूले की चर्चा

बीजेपी संगठन के नेताओं के अनुसार, सामाजिक और भौगोलिक संतुलन को प्राथमिक महत्व दिया जाएगा। माना जा रहा है कि एक मंत्री सामान्य वर्ग से, दूसरा अनुसूचित जनजाति वर्ग से और तीसरा पिछड़ा वर्ग से लिया जा सकता है। इसी के साथ बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग संभाग से एक-एक मंत्री बनाए जाने की बात कही जा रही है।

कैबिनेट में तीन नए चेहरे जुड़ेंगे

बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार, संगठन विस्तार के दौरान तीन नेताओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसमें सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी। अनुमान है कि एक मंत्री सामान्य वर्ग से, दूसरा अनुसूचित जनजाति से और तीसरा पिछड़ा वर्ग से चुना जा सकता है।

पुराने मंत्रियों की कुर्सी सुरक्षित

बीजेपी संगठन के अनुसार, नए मंत्रियों की कैबिनेट में एंट्री होगी, लेकिन मौजूदा मंत्रियों के विभाग या पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि वर्तमान टीम से किसी को बाहर नहीं किया जाएगा।

हालांकि पिछले कुछ समय से राजनीतिक हलकों में लक्ष्मी राजवाड़े, दयालदास बघेल और टंकराम वर्मा को लेकर अटकलें चल रही थीं, लेकिन अब ऐसे संकेत दिखाई नहीं दे रहे हैं।

संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर भी लग सकती है मुहर

अगस्त महीने में ही बीजेपी संसदीय सचिव और रिक्त निगम मंडल के अध्यक्षों की भी नियुक्त कर सकती है। इस नियुक्ति में सीनियर और जूनियर का औसत देखने को मिलेगा। बता दें कि, संसदीय सचिव नियुक्त करने की परंपरा भाजपा शासनकाल में डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई थी।

उस समय कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया था और इसे ‘मिनी कैबिनेट’ बताते हुए असंवैधानिक करार दिया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद भूपेश बघेल सरकार ने भी इस परंपरा को बनाए रखा और 13 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया। अब विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार भी इन पदों को भरने की तैयारी में है।

Advertisements
Advertisement