सीधी: जिले में स्वास्थ्य विभाग की आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया को कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने निरस्त कर दिया है. जिले में मिली शिकायतों और जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने यह कार्रवाई की है. दरअसल, यह भर्ती डाटा एंट्री ऑपरेटर, वाहन चालक, ग्रुप-डी वर्कर और भृत्य जैसे पदों के लिए की जा रही थी.
कलेक्टर की इजाजत के बिना हो रही थी भर्ती
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच दल की जांच में सामने आया कि इस पूरी प्रक्रिया में कई गड़बडियां और अनियमितताएं हुई थीं. जांच दल की रिपोर्ट के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया को बिना नियमों के चलाया गया और इसमें कलेक्टर की कोई मंजूरी या स्वीकृति नहीं ली गई थी.
मामले में दोषी पाए गए अधिकारी पर होगी कार्रवाई
जांच में जिन अधिकारियों को दोषी माना गया है, उनमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बबिता खरे, सिविल सर्जन डॉ. एस. बी. खरे, डॉ. रामभूषण पटेल और डॉ. श्रिया त्रिपाठी शामिल हैं. इसके अलावा सेडमैप संस्था के तीन जिला समन्वयक हरिओम शरण सोनी, अशोक त्रिपाठी और रवि वर्मा को भी जिम्मेदार ठहराया गया है.
बाकी शिकायतों के लिए भी बनेगी जांच टीम
कलेक्टर ने इन सभी के कार्यादेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. बाकी शिकायतों की जांच के लिए नया जांच दल बनाया जाएगा. दोषी पाए गए लोगों पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ एफआईआर (आपराधिक प्रकरण) भी दर्ज की जाएगी.