सुल्तानपुर जिले में सड़क निर्माण को लेकर विवाद गहरा गया है. सदर विधायक पर कॉन्ट्रैक्टर से 25लाख रंगदारी मांगने का आरोप लगा है. पीडब्लूडी के एक्सीक्यूटिव इंजीनियर अरुण कुमार ने स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण का कार्य अभी शुरू ही नहीं हुआ है. इसलिए गुणवत्ता की जांच का प्रश्न ही नहीं उठता. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है.
सदर विधायक राज प्रसाद उपाध्याय ने रंगदारी के आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने मीडिया से कहा कि वे सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए गए थे. विधायक के अनुसार, कुछ लोग जल्दबाजी में काम करके निकलना चाहते थे. उन्होंने कहा कि नियमों के विपरीत गड्ढा खोदकर काम किया जा रहा था, जबकि पहले रोलिंग होनी चाहिए.
सिद्धार्थ इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर शशि सिंह ने आरोप लगाया है कि स्थानीय विधायक ने उनसे 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी. कंपनी को बरौसा से 84 आश्रम तक का सड़क चौड़ीकरण का काम मिला है. इस काम को पूरा करने की समय सीमा एक वर्ष है. शशि सिंह के अनुसार, एक महीने पहले उनका बॉन्ड बना है. 15 अगस्त को कंपनी ने अपना स्टाफ काम शुरू करने के लिए भेजा. 16 अगस्त को जैसे ही चौड़ीकरण का काम शुरू हुआ, विधायक अपने समर्थकों के साथ 10 गाड़ियों में वहां पहुंचे. उन्होंने कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी. विधायक के समर्थकों ने साइट पर तोड़फोड़ की. ट्रक ड्राइवर के साथ मारपीट की. कंपनी के मैनेजर अनिल वर्मा का मोबाइल छीन लिया. साइट पर रखे डेढ़ लाख रुपए भी ले गए। शशि सिंह ने बताया कि उनकी सास वर्तमान में कुड़वार की ब्लॉक प्रमुख हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है.
घटना का वीडियो रिकॉर्डिंग भी उनके पास मौजूद है. विधायक और एक्सईएन के बयानों में विरोधाभास है. जहां विधायक गुणवत्ता जांच का दावा कर रहे हैं, वहीं एक्सईएन का कहना है कि काम शुरू ही नहीं हुआ. यह विरोधाभास रंगदारी के आरोपों को और गंभीर बना रहा है. अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन इस मामले की जांच करवाता है या नहीं.