श्योपुर में बदहाल सड़क को लेकर कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन: सीएम डॉ. मोहन यादव को दी श्रद्धांजलि, जर्जर सड़क पर लगाए धान के पौधे

मध्य प्रदेश: श्योपुर में सलापुरा नहर से मातासूला गांव तक बदहाल सड़क को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है. लगातार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीएम डॉ. मोहन यादव की प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि कर दी. इसके बाद यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है. इतना ही नहीं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सलापुरा नहर रोड़ पर धान के पौधे भी रोपे है.

कांग्रेसियों ने खराब सड़क के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन किया. उन्होंने सड़क पर धान के पौधे लगाए. कांग्रेसियों का कहना है कि वे सालों से सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी और ग्रामीणों की बात अनसुनी कर दी गई है. सलापुरा नहर से मातासूला गांव की यह सड़क, जिसे ग्रामीण अपनी मुख्य जीवनरेखा बताते हैं, आज पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. यह सिर्फ छोटे-मोटे गड्ढे नहीं, बल्कि गहरे और बड़े गड्ढे हैं जो तालाब का रूप ले चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने वर्षों से इस सड़क की मरम्मत के लिए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन उनकी आवाज अनसुनी कर दी गई.

बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा

इस बदहाल सड़क का सबसे बड़ा खामियाजा स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को भुगतना पड़ रहा है. छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाते समय अक्सर इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो जाते हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने दर्द भरी आवाज में कहा- उनके बच्चों को कई बार चोट लग चुकी है. उन्हें हर दिन डर लगा रहता है कि आज कौन गिरेगा. बुजुर्ग और महिलाएं भी अक्सर फिसलकर चोटिल हो जाती हैं. यह सड़क अब सुविधा नहीं, बल्कि एक अभिशाप बन गई है.

स्थानीय नेताओं से भी संपर्क किया

ग्रामीणों का आरोप है कि इस सड़क की मरम्मत के लिए कई बार ज्ञापन दिए गए, शिकायतें दर्ज कराई गईं और स्थानीय नेताओं से भी संपर्क किया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. प्रशासन की इस उदासीनता और संवेदनहीनता ने ग्रामीणों के धैर्य की सीमा तोड़ दी. थक-हार कर उन्होंने अब एक ऐसे तरीके से विरोध करने का फैसला किया, जिससे प्रशासन की नींद टूटे.

सड़कों की बदहाली एक आम समस्या है

कांग्रेसियों का यह अनोखा प्रदर्शन पूरे देश के उन ग्रामीण इलाकों के लिए एक संदेश है, जहां सड़कों की बदहाली एक आम समस्या है और प्रशासन अक्सर आंखें मूंद लेता है. अब देखना यह है कि श्योपुर प्रशासन इस पर कब तक और क्या कार्रवाई करता है. क्या इस अनोखे विरोध से उनकी नींद टूटेगी और ग्रामीणों को जल्द ही एक सुगम सड़क मिल पाएगी?

 

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