छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 40वें चक्रधर समारोह की शुरुआत 27 अगस्त से होने जा रहा है, जो 5 सितंबर तक चलेगा। इन 10 दिनों में देश के कई नामी कलाकर प्रस्तुति देंगे। साथ ही मोती महल के सामने कबड्डी और कुश्ती में पहलवान 1 से 3 सितंबर तक दांव पेंच दिखाएंगे।
छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग, पर्यटन मंडल और जन सहयोग से जिला प्रशासन रायगढ़ की ओर से चक्रधर समारोह 2025 का आयोजन किया जाएगा। समारोह का शुभारंभ राज्यपाल रामेन डेका करेंगे। जबकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समापन समारोह में शिरकत करेंगे।
यह सांस्कृतिक आयोजन शाम 7 बजे से रामलीला मैदान में होगा। समारोह का शुभारंभ गणेश वंदना के साथ होगा। जिसे स्वर्गीय वेदमणि सिंह ठाकुर के शिष्यों की ओर से प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद दिल्ली से आए पंडित राजेन्द्र गंगानी कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगे और प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास काव्य प्रस्तुति से श्रोताओं को भावविभोर करेंगे।
रायगढ़, बिलासपुर और भिलाई के कलाकारों की प्रस्तुति
दूसरे दिन रायगढ़ की पूजा जैन कथक, राजनंदिनी पटनायक ओडिशी, बिलासपुर की प्रियंका सलूजा कथक, भिलाई की डॉ. राखी रॉय भरतनाट्यम और आगरा की देविका देवेन्द्र एस मंगलामुखी कथक की प्रस्तुति दी देंगी।
तीसरे दिन रायपुर की राधिका शर्मा और पुणे की अंजली शर्मा कथक, बेंगलोर की गुरू बाला विश्वनाथ भरतनाट्यम, धमतरी की आरू साहू छत्तीसगढ़ी लोकगीत और महाराष्ट्र के पं.योगेश शम्सी तबला प्रस्तुति देंगे।
अनीस साबरी कव्वाली की देंगे प्रस्तुति
30 अगस्त को प्रो. डॉ. लवली शर्मा खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की ओर से सितार वादन, रायपुर की इशिका गिरी कथक, भूमिसुता मिश्रा और लिप्सा रानी बिस्वाल ओडिसी की प्रस्तुति दी देंगे।
इसके अलावा लखनऊ के श्वेता वर्मा कथक, भिलाई के पद्मश्री राधेश्याम बारले पंथी और दिल्ली के जनाब अनीस साबरी दिल्ली कव्वाली की प्रस्तुति देंगे।
31 अगस्त को होगा कवि सम्मेलन
31 अगस्त को भिलाई की आद्या पाण्डेय भरतनाट्यम, रायगढ़ की सुश्री शैल्वी सहगल कथक, रायपुर की अन्विता विश्वकर्मा रायपुर शास्त्रीय नृत्य शैली, राजनांदगांव की डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा कथक पर प्रस्तुति देंगे। इसी दिन कवि सम्मेलन होगा।
कथक, संतूर वादन और लोक गायन की प्रस्तुति
1 सितम्बर को इंदौर की डॉ. योगिता मांडलिक इंदौर कथक, बिलासपुर के भूपेन्द्र बरेठ और ग्रुप कथक, दिल्ली की डॉ. विपुल रॉय दिल्ली संतूर वादन और रायगढ़ के नितिन दुबे और ग्रुप लोक गायन पर प्रस्तुति देंगे।
2 सितम्बर को बिलासपुर के काजल कौशिक बिलासपुर कथक, रायगढ़ के नरेन्द्र गुप्ता रायगढ़ काव्य पाठ, कबीरधाम के सचिन कुम्हरे कबीरधाम कथक, रायपुर के छाया चंद्राकर और समूह छत्तीसगढ़ी लोक संगीत और खैरागढ़ के दीपक दास महंत तबला वादन पर प्रस्तुति देंगे।
अबूझमाड़ के मलखंब का प्रदर्शन
3 सितम्बर को मुंबई के अर्नव चटर्जी गायन, बिलासपुर के वासंती वैष्णव और समूह कथक, रायपुर के अजीत कुमारी कुजूर भरतनाट्यम, जबलपुर के निलांगी कालांतरे कथक और अबूझमाड़ के मनोज प्रसाद मलखंब का प्रदर्शन करेंगे।
4 सितम्बर को सतना के कुमारी नित्या शर्मा कथक, सारंगढ़ के यामी वैष्णव कथक, मुम्बई के मोहित शास्त्री बांसुरी वादन, चेन्नई के कलईमामणि गुरू गोपिका वर्मा मोहिनीअट्टम और दुर्ग के कविता वासनिक और ग्रुप दुर्ग छत्तीसगढ़ी लोकरंग पर प्रस्तुति देंगी।
पद्मश्री कैलाश खेर बिखरेंगे अपनी सुरों का जादू
समापन के दिन 5 सितम्बर को दिल्ली के पद्मश्री डॉ. नलिनी कमलिनी अस्थाना कथक और मुम्बई के प्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर गायन की प्रस्तुति देंगे।
इसके अलावा 1 से 3 सितम्बर तक मोतीमहल परिसर में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए कुश्ती और कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।