जैसलमेर: ज़िले के भिनाजपुरा क्षेत्र में देर रात एक दर्दनाक हादसा उस समय घटित हुआ जब सोलर कंपनी के कर्मचारी रमेश दान (निवासी आरंग) और संगत सिंह अपनी ड्यूटी पूरी कर घर लौट रहे थे। रास्ते में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से रमेश दान की मौके पर ही मौत हो गई जबकि संगत सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक और आक्रोश से भर दिया है.
दुर्घटना के बाद मृतक कर्मचारी के परिजन और ग्रामीण बड़ी संख्या में सोलर कंपनी के विरुद्ध भिनाजपुरा स्थित कंपनी कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए. ग्रामीणों और परिजनों का गंभीर आरोप है कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों की रात में रुकने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की जाती. मजबूरी में कर्मचारियों को अंधेरी रात में असुरक्षित रास्तों पर सफर कर घर लौटना पड़ता है और इसी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ.
इस आंदोलन को बल देते हुए शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी स्वयं धरनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों के साथ बैठकर कंपनी व प्रशासन की भूमिका पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया. भाटी ने कहा कि घटना को कई घंटे बीत गए हैं लेकिन न तो प्रशासनिक अधिकारी और न ही कंपनी प्रबंधन का कोई जिम्मेदार प्रतिनिधि पीड़ित परिवार की सुध लेने पहुंचा है. यह प्रशासन और कंपनी की पूर्ण संवेदनहीनता और गैरजिम्मेदारी का जीता-जागता उदाहरण है.
ग्रामीणों ने धरने के दौरान स्पष्ट मांग रखी कि मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल उचित मुआवज़ा दिया जाए, घायल कर्मचारी के इलाज का संपूर्ण खर्च कंपनी उठाए तथा भविष्य में कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु ठोस और स्थायी व्यवस्था की जाए.
धरने को संबोधित करते हुए विधायक भाटी ने कहा—
“यदि पीड़ित परिवार की मांगों को शीघ्र ही पूरा नहीं किया गया और दोषी कंपनी प्रबंधन पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो यह आंदोलन विकराल रूप लेगा. प्रशासन पूरी तरह कंपनी के इशारों पर काम कर रहा है और जनता के हितों की अनदेखी कर रहा है. यह अन्याय अब और नहीं सहा जाएगा.”
भाटी ने यह भी घोषणा की कि वे धरनास्थल पर ही रात बिताएंगे और अगले दिन सुबह महापड़ाव करेंगे. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह संघर्ष अब केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की अस्मिता और न्याय का संघर्ष है. यदि प्रशासन और कंपनी ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में और देरी की तो यह आंदोलन ज़िला मुख्यालय से लेकर पूरे प्रदेश तक फैलेगा