जयपुर: शहर के अलग-अलग इलाकों से एक साथ 6 नाबालिग बच्चे रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं. इन बच्चों में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये सभी आपस में भाई या चचेरे भाई हैं. यह मामला तब सामने आया जब एक के बाद एक परिवारों ने अपने बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ये बच्चे गए कहां और क्यों? क्योंकि मामला किसी आम गुमशुदगी का नहीं, बल्कि एक गहरी साजिश का लग रहा है.
इस पूरी कहानी की शुरुआत सांगानेर से होती है, जहां से दो सगे भाई नितिन सिंह (9) और मोहित सिंह (10) और उनका चचेरा भाई अरमान (9) लापता हो गए. बच्चों के पिता विजय सिंह ने बताया कि 14 अगस्त को तीनों स्कूल के लिए निकले थे, लेकिन शाम तक वापस नहीं आए. जब उन्होंने स्कूल में पता किया तो मालूम चला कि बच्चे स्कूल पहुंचे ही नहीं थे. घर में तलाशी लेने पर एक हैरान कर देने वाला नोट मिला. इसमें बच्चों ने लिखा था, ‘परिवार हमें 5 साल तक सर्च न करे.’ इस नोट ने न सिर्फ उनके परिवारों को, बल्कि पुलिस को भी सकते में डाल दिया है.
सांगानेर सदर थाना के सीआई अनिल जैमन ने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें बच्चे गांधी नगर रेलवे स्टेशन के पास दिखे. सबसे अजीब बात यह थी कि उन्होंने अपने स्कूल यूनिफॉर्म की जगह दूसरे कपड़े पहने हुए थे. इससे साफ हो गया कि यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं, बल्कि सोची-समझी प्लानिंग थी.
इस घटना के ठीक बाद, जयपुर के करणी विहार इलाके से भी दो बच्चों के लापता होने की खबर आई. करणी विहार थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, संजय सिंह और समीर सिंह नाम के दो चचेरे भाई 15 अगस्त को घर से निकले थे और वापस नहीं लौटे. इन बच्चों के परिवार को भी एक रहस्यमय फोन कॉल आया था, जिसमें सामने वाला शख्स अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहा था.
बच्चों के एक दोस्त ने पुलिस को बताया कि वे दोनों एक बेकरी पर गए थे, जहां उन्होंने कोल्ड्रिंक और कुरकुरे खरीदे. उन्होंने पैसे नहीं दिए और कहा कि कुलदीप गुर्जर नाम का कोई शख्स बाद में पेमेंट कर देगा. पुलिस को पता चला है कि कुलदीप नाम का यह व्यक्ति करीब 4 साल पहले उनके घर के पीछे किराये पर रहता था. अब पुलिस इस कुलदीप की तलाश कर रही है.
इसके अलावा, रामगंज इलाके से भी अबू नाम का एक और बच्चा लापता है, जिसकी उम्र भी करीब 15 साल है. जयपुर में इतने बच्चों का एक साथ, और एक ही तरीके से गायब होना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. पुलिस का मानना है कि यह कोई साधारण भागने का मामला नहीं है. जिस तरह बच्चों ने एक खास नोट लिखा, कपड़े बदले और उनके पीछे किसी कुलदीप गुर्जर जैसे शख्स का हाथ होने की बात सामने आई है, उससे साफ है कि यह मामला कहीं ज्यादा गहरा है.
क्या ये बच्चे किसी गैंग के प्रभाव में हैं? क्या उन्हें किसी ने बहकाकर अपने साथ ले लिया है? क्या यह बच्चों के बीच कोई अजीब ट्रेंड चल रहा है? या फिर इसका कोई और ही मकसद है? पुलिस की टीमें लगातार बच्चों की तलाश कर रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली है. इन बच्चों के परिवार सदमे में हैं और बस यही दुआ कर रहे हैं कि उनके लाडले सुरक्षित घर लौट आएं. जयपुर के हर घर में फिलहाल इन्हीं बच्चों की चर्चा है, जिनके लापता होने की वजह किसी को समझ नहीं आ रही.