पटना: पितृपक्ष 2025 के अवसर पर गया में पिंडदान और तर्पण करने आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDC) ने खास इंतजाम किए हैं. हर साल की तरह इस बार भी देश-विदेश से श्रद्धालु अपने पितरों की शांति के लिए गयाजी, विशेषकर विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट, और फल्गु नदी में तर्पण और पिंडदान के लिए पहुंचते हैं. श्रद्धा और आस्था की इस पावन परंपरा को ध्यान में रखते हुए BSTDC ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पूजा की व्यवस्था की है.
इस बार पहली बार BSTDC ने ऑनलाइन पिंडदान की सुविधा शुरू की है, जिससे वे श्रद्धालु जो स्वास्थ्य, उम्र या अन्य कारणों से यात्रा करने में असमर्थ हैं, वे भी घर बैठे अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें.इसके तहत, मात्र ₹23,000 में गयाजी में विधिवत पिंडदान कराया जा सकता है.इसमें विष्णुपद मंदिर, अक्षयवट और फल्गु नदी पर पुरोहित द्वारा पूरे वैदिक विधि-विधान से अनुष्ठान कराया जाएगा. इस सेवा में पूजा सामग्री, दक्षिणा और पुरोहित सेवा पहले से शामिल है. पिंडदान के बाद प्रमाणपत्र भी भेजा जाएगा, जिससे श्रद्धालु को यह अनुभव हो कि उन्होंने सही और शुद्ध विधि से अनुष्ठान कराया.
इसके अलावा, BSTDC ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन प्रमुख रूटों पर पाँच तरह के टूर पैकेज भी जारी किए हैं।.ये पैकेज यात्रा, आवास और भोजन की पूरी व्यवस्था के साथ उपलब्ध हैं, जिन्हें श्रद्धालु BSTDC की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन बुक कर सकते हैं.
पैकेज विवरण:
गया–पुनपुन–नालंदा–राजगीर (1 रात, 2 दिन)
पहली केटेगरी:₹21,100 – ₹40,700
दूसरी केटेगरी: ₹19,950 – ₹38,500
तीसरी केटेगरी: ₹18,850 – ₹36,250
गया–बोधगया–राजगीर–नालंदा (1 रात, 2 दिन)
पहली केटेगरी: ₹18,750 – ₹33,850
दूसरी केटेगरी: ₹17,650 – ₹30,650
तीसरी केटेगरी:₹16,550 – ₹28,450
पटना–पुनपुन–गया–पटना (1 दिन)
पहली केटेगरी:₹16,650 – ₹30,650
दूसरी केटेगरी: ₹15,550 – ₹28,450
तीसरी केटेगरी:₹14,450 – ₹26,250
इन सभी पैकेजों में आरामदायक बस सेवा, सुरक्षित आवास और शुद्ध शाकाहारी भोजन की सुविधा दी गई है.BSTDC के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष की तैयारियां श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक अनुभव को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं.श्रद्धालु अपनी सुविधा और बजट के अनुसार इन पैकेजों का चयन कर बिना किसी चिंता के पितृपक्ष के धार्मिक अनुष्ठानों को संपन्न कर सकते हैं.