बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. हीमपुर थाना क्षेत्र के छोइया नंगली गांव के रहने वाले गरीब दिव्यांग दंपति ने आरोप लगाया है कि नूरपुर के एक निजी अस्पताल में जन्मे उनके नवजात बच्चे को अस्पताल संचालक और डॉक्टरों ने गायब कर दिया। इस सनसनीखेज आरोप के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक और तीन डॉक्टरों पर बच्चा चोरी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
बच्चे के जन्म पर खुश था परिवार, फिर छिन गई खुशिया
पीड़ित करण और उसकी पत्नी रुकमेश, दोनों दिव्यांग हैं और मजदूरी कर गुजारा करते हैं। 13 मई 2025 को रुकमेश को प्रसव पीड़ा हुई तो स्थानीय नर्स वंदना उसे चारपहिया वाहन से नूरपुर के S.R. हेल्थकेयर सेंटर लेकर पहुंची। वहां ऑपरेशन के बाद रुकमेश ने एक बेटे को जन्म दिया. बच्चे के जन्म की खुशी में अस्पताल में मिठाई भी बंटी और पिता करण को बच्चा दिखाया गया। लेकिन मां रुकमेश उस समय बेहोश होने की वजह से अपने बच्चे को देख नहीं सकी.
मशीन में है बच्चा, बाद में ले जाना
दंपति का आरोप है कि बच्चे के जन्म के दो दिन बाद जब अस्पताल से छुट्टी दी गई तो डॉक्टर रीना चौधरी, जावेद और महर सिंह ने कहा कि बच्चा मशीन में रखा गया है और दो दिन बाद ले जाना। लेकिन उसके बाद से दंपति को अपना बच्चा नहीं मिला। तब से लेकर अब तक वे अफसरों और पुलिस के चक्कर काट रहे हैं, मगर सुनवाई नहीं हो रही थी.
पूर्व सांसद पहुंचे सामने, मुकदमा दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व बीजेपी सांसद भारतेंद्र सिंह पीड़ित परिवार को लेकर डीएम और एसपी से मिले. एसपी के आदेश पर नूरपुर पुलिस ने अस्पताल संचालक सलमान और तीनों डॉक्टरों पर बच्चा चोरी समेत संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
मां-बाप की गुहार,हमें हमारा बच्चा चाहिए
गरीब और दिव्यांग दंपति का रो-रोकर यही कहना है कि उन्हें उनका बच्चा वापस चाहिए. अब पूरा मामला बिजनौर पुलिस की कार्रवाई पर टिका है कि वह कब तक बच्चे को सकुशल बरामद कर माता-पिता को सौंप पाती है.