अयोध्या: रामजन्मभूमि परिसर में तैयार हो चुके परकोटा के छह मंदिर, बाहर स्थित सात मंदिर और कुबेर टीला अब श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे. 15 अक्टूबर से श्रद्धालु रामलला के दर्शन के साथ इन मंदिरों में विराजमान देवताओं का भी दर्शन कर सकेंगे. यह जानकारी रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने दी. उन्होंने बताया कि वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालु भी बिना किसी कठिनाई के रामलला के साथ प्रथम तल पर स्थित राम दरबार तक पहुंच सकें, इसके लिए तीन लिफ्ट लगाने का काम सितंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा.
परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शू रैक के लिए विशेष बिल्डिंग बनाई गई है, जहां एक साथ 12 हजार जूते-चप्पल रखे जा सकेंगे. साथ ही 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण भी जारी है. मंदिर की भव्यता को और निखारने के लिए फसाड लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. तीन कंपनियों ने इस संबंध में प्रजेंटेशन दिया है. चयनित कंपनी को 5 से 10 साल तक प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जाएगी.
चंपतराय ने बताया कि निर्माण समिति की बैठक का तीसरा दिन बुधवार को रामकथा संग्रहालय में होगा, जिसमें संग्रहालय निर्माण पर चर्चा की जाएगी. वहीं, राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक 9 सितंबर को मणिरामदास की छावनी में होगी. नवंबर के तीसरे सप्ताह में ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया जाएगा.
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को हुए रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पुनरावृत्ति नहीं होगा, बल्कि अयोध्या केंद्रित आयोजन होगा. इस समारोह में अयोध्या और आसपास के 20-25 जिलों से चुनिंदा लोगों को आमंत्रित किया जाएगा.