सोनभद्र: कोन थाना क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक लड़के की मौत हो गई थी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अवैध अस्पतालों के खिलाफ कमर कस ली है. इस दर्दनाक घटना ने अधिकारियों को एक बड़ा सबक दिया और अब वे ऐसे मेडिकल प्रतिष्ठानों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहे हैं, जो बिना किसी जरूरी कागजात या लाइसेंस के चल रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में, कोन के भारत हॉस्पिटल एंड सर्जिकल सेंटर में एक लड़के की मौत ने पूरे प्रशासन को हिलाकर रख दिया. इस घटना के बाद, कोन थाने में मामला दर्ज किया गया (मु०अ०सं० 175/25 धारा 106 बीएनएस). इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, जिलाधिकारी सोनभद्र ने तुरंत एक उच्च-स्तरीय जांच टीम का गठन किया. इस टीम में पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
जांच के दौरान क्या पता चला
जांच टीम ने सबसे पहले उस अस्पताल की जांच की, जहां लड़के की मौत हुई थी. इसके बाद, टीम ने कोन थाना क्षेत्र के अन्य अस्पतालों का भी गहन निरीक्षण किया. इस दौरान, कुल तीन अस्पतालों की जांच की गई, जिनमें से दो को पूरी तरह से अवैध पाया गया.
ये हैं वो दो अस्पताल जिन पर गिरी गाज
महिला होमियो हाल हास्पिटल: इस अस्पताल की संचालिका, मीरा सिंह, के पास अस्पताल चलाने के लिए जरूरी कोई भी वैध कागजात नहीं थे.
आयुष्मान चिकित्सालय: यह अस्पताल भी बिना किसी लाइसेंस या वैध दस्तावेज के चलाया जा रहा था.
दोनों अस्पतालों को तुरंत सील कर दिया गया है. इन पर अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिससे यह एक कड़ा संदेश जाए कि अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
एक को मिली राहत, लेकिन दी गई सख्त हिदायत
जांच टीम ने सत्यम फार्मा हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया. इस अस्पताल के कागजात सही पाए गए, जिससे इसे राहत मिली. हालांकि, प्रशासन ने उन्हें भविष्य में सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने की सख्त हिदायत दी है. इस कार्रवाई से पूरे सोनभद्र और आस-पास के क्षेत्रों में अवैध रूप से चल रहे मेडिकल प्रतिष्ठानों में हड़कंप मच गया है. यह कार्रवाई एक शुरुआत मानी जा रही है और प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य में भी ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि लोगों की जान के साथ कोई खिलवाड़ न हो सके.