भारतीय डाक विभाग गंगाजल और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद के बाद अब बागी बलिया का भुने हुए चने का सत्तू भी उपलब्ध कराएगा. 75 रूपये के पैक में ये चने के सत्तू का पैकेट उपलब्ध है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर वाराणसी परिक्षेत्र के सौ डाक घरों से इसकी बिक्री की जाएगी. वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कर्नल विनोद ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन दिये जाने और एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत सत्तू की बिक्री के लिए वाराणसी परिक्षेत्र में 100 डाकघरों में यह सेवा शुरू की गई है
वाराणसी के साथ-साथ चंदौली, मुगलसराय, जौनपुर, बलिया, नौगढ़ और गाजीपुर जिलों में भी सत्तू बिक्री की व्यवस्था की गई है. यह योजना सफल होने पर इसका विस्तार उत्तर प्रदेश के सभी डाकघरों में किया जाएगा. इसके बाद देश के अन्य राज्यों के साथ ही पूरे भारत में सत्तू बिक्री की व्यवस्था की जाएगी.
विनोद ने आगे बताया कि स्वदेसी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ हम लोगों को एनर्जी ड्रिंक के नाम पर बाजार में बिकने वाले प्रोडक्ट के साइड इफ़ेक्ट से भी बचाना चाहते हैं. हमारा देसी सत्तू हर दृष्टिकोण से स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है. साथ ही पूर्वांचल में सत्तू का सेवन बाटी-चोखा, सत्तू पराठा, सत्तू को घोल कर पीने और जलजीरा के साथ भी किया जाता है.
सिर्फ 75 रुपये में आधा किलो सत्तू
पोस्टमास्टर जरनल कर्नल विनोद ने बताया कि यह सत्तू बलिया से सीधे डाकघरों तक पहुंचाया जाएगा. अभी दो दिन में ही हमने एक हज़ार किलो सत्तू बेचा है. आधे किलो के पैकेट में जो सत्तू हम ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं वो बिना किसी मिलावट का है और 99/- रूपये एमआरपी है जिसे हम 75/- रूपये में ग्राहकों को दे रहे हैं. यानी कि ग्राहक को आधे किलो के पैकेट पर 24/- रूपये का फ़ायदा हो रहा है. सत्तू के साथ ग्राहकों को भारतीय डाक का ट्रस्ट भी हासिल होगा.
आगे और भी एक्सटेंशन
उपभोक्ता को यह सत्तू उचित दामों पर उपलब्ध किया जा रहा है. इस कदम से आम जन को सही मूल्य पर बलिया का प्रसिद्ध व्यंजन मिलेगा, वहीं इस सेवा के द्वारा भारतीय डाक विभाग को बहुत अच्छा राजस्व भी प्राप्त होगा. सत्तू के लिए बलिया के निधि उद्योग से भारतीय डाक ने अनुबंध किया है. उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जाएगा. प्रोडक्ट में कोई खराबी आती है तो तुरंत हम अनुबंध करने वाले फर्म के ख़िलाफ कार्रवाई करेंगे. आगे चलकर जौनपुर की इमरती, भदोही का कालीन और बनारस के जीआई प्रोडक्ट भी भारतीय डाक से बेचने की योजना है.