मौसम विभाग ने आज रायपुर, बलौदाबाजार, बिलासपुर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, सूरजपुर, बलरामपुर समेत 14 जिलों में बिजली गिरने, बादल गरजने और आंधी चलने का यलो अलर्ट जारी किया है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहेगा।
छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में अगले पांच दिनों तक गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं दक्षिणी हिस्से में मानसून आज से कमजोर पड़ेगा। पिछले 24 घंटों में बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभागों के अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई है।
रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभागों के एक-दो स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई और सरगुजा संभाग में हल्की वर्षा हुई। वहीं तापमान की बात करें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 31.6°C दुर्ग में और सबसे कम न्यूनतम तापमान भी 19.2°C दुर्ग में दर्ज किया गया।
सिस्टम कमजोर, बस्तर में कम बरसेगा पानी
सिनौप्टिक सिस्टम की बात करें तो छत्तीसगढ़ के मध्य भागों और उससे सटे पूर्वी मध्य प्रदेश में बना लो प्रेशर एरिया कमजोर हो गया है। हालांकि, इससे जुड़ा साइक्लोन सर्कुलेशन दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में एक्टिव है।
1 जून से अब तक 787.7 मिमी बरसा पानी
1 जून से अब तक प्रदेश में 787.7 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। बलरामपुर में सबसे ज्यादा 1145.3 मिमी पानी बरसा है। बेमेतरा में सबसे कम 390.6 मिमी बारिश हुई है।
जून से जुलाई के बीच 623.1 MM मिमी बारिश
प्रदेश में 1 जून से 30 जुलाई तक कुल 623.1 MM मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने 558MM के करीब बारिश का अनुमान लगाया था। यानी अनुमान से 12 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। वहीं सिर्फ जुलाई महीने की बात करें तो कुल 453.5 मिमी बारिश हुई है।
पिछले 10 सालों में सिर्फ 2 बार ही जुलाई में बारिश का आंकड़ा 400MM पार हुआ है। 2023 में जुलाई माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा 566.8MM पानी बरसा था। इससे पहले 2016 में 463.3MM पानी गिरा था
जानिए इसलिए गिरती है बिजली
दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है।
आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके।
अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है।
जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ।
आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी
- आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी ज्यादा होता है। इसकी क्षमता तीन सौ किलोवॉट मतलब 12.5 करोड़ वॉट से ज्यादा चार्ज की होती है।
- यह बिजली मिली सेकेंड से भी कम समय के लिए ठहरती है।
- यह मनुष्य के सिर, गले और कंधों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है।
- दोपहर के वक्त इसके गिरने की आशंका ज्यादा होती है।