बाड़मेर: कर्नल चौधरी बुधवार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल के पास किसी मिटिंग में शामिल होने के लिए गए थे. इस दौरान उनके सीने में दर्द होने पर खुद गाड़ी में बैठकर अपोलो अस्पताल पहुंचे और वहां पर डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर ऑपरेशन किया. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे डॉ. रमन चौधरी से बातचीत की. सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल भी उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे.
कर्नल ने सोशल मीडिया पर खुद के स्वस्थ होने की जानकारी भी साझा की थी. लेकिन रात करीब 11:15 बजे उनका निधन हो गया. कर्नल सोनाराम चौधरी मूलत: जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ के निवासी थे. उनका पार्थिव शरीर आज सुबह 11:30 बजे एयरबेस उत्तरलाई हवाई मार्ग से लाया जाएगा. इसके बाद बाड़मेर में उनके आवास पर एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. यहां से शव को उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ (जैसलमेर) ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
चार बार सांसद, एक बार विधायक
कर्नल सोनाराम चौधरी चार बार सांसद और एक बार बायतु विधायक रह चुके हैं. कर्नल के परिवार में उनकी पत्नी विमला चौधरी और एक पुत्र डॉ. रमन चौधरी है. कर्नल सोनाराम चौधरी एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जोधपुर से बीई, फेलो (एफआईई) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी. वे 1996, 1998, 1999 और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद रहे. 2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा ज्वाइन की और भाजपा उम्मीदवार के तौर पर सांसद बने थे. 2004 में वे मानवेंद्रसिंह जसोल के सामने चुनाव हारे गए थे.
बायतु विधानसभा क्षेत्र से एक बार विधायक रहे चुके है. वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की ओर से गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वर्तमान राज्यमंत्री के.के. विश्नोई के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
सेना में 25 वर्षों तक सेवा, 1971 युद्ध में योगदान
कर्नल सोनाराम का जीवन सैन्य सेवा से शुरू हुआ. 1966 में वे भारतीय सेना में शामिल हुए और सेना के अधिकारी के रूप में 25 वर्षों तक सेवाएं दी. उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के पूर्वी मोर्चे पर महत्वपूर्ण योगदान दिया था. 1994 में सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश लिया.
सांसद सदस्य रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण समितियों में योगदान दिया
- 14 अगस्त 2014 से प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे.
- 1 सितम्बर 2014 से रक्षा संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे.
- 3 सितम्बर 2014 से परामर्शदात्री समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सदस्य रहे.
- 3 दिसम्बर 2014 से लोक सभा सदस्यों के साथ सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रतिमान का उल्लंघन और अपमानपूर्ण व्यवहार संबंधी समिति के सदस्य रहे.
- 2 जून, 2016 से रक्षा पर संसद की स्थायी समिति, उप-समिति के सदस्य रहे.
पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को राष्ट्रपति से विश्व सेवा पदक (वीएसएम) से सम्मानित किया गया, इसके अलावा उन्हें सेनाध्यक्ष चीफ ऑफ़ आर्मी स्टाफ और वायु सेनाध्यक्ष चीफ ऑफ एयर स्टाफ की ओर से प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुए. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और इंजीनियरिंग में स्नातक पढाई के दौरान शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रो में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. इसके बाद उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों में 28 वर्षों तक सेवा दी और राष्ट्रीय सुरक्षा व एकता के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया. 1994 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद, 1996 में पहली बार सांसद निर्वाचित हुए और यहीं उनका राजनितिक जीवन शुरू हुआ. उनके निधन से पुरे क्षेत्र में शोक की लहर है. राजनीतिक,सामाजिक और सैन्य क्षेत्र में उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा.