MP Education News: डाटा मिसमैच से अटकी अपार आईडी प्रक्रिया, छात्रों को मिली अस्थायी राहत

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के कॉलेज और स्कूलों में छात्रों की अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया फिलहाल अटक गई है। बड़ी संख्या में छात्रों की आईडी अब तक तैयार नहीं हो सकी है और इसकी वजह दस्तावेजों में गड़बड़ी और डाटा मिसमैच बताई जा रही है। छात्रों द्वारा जमा किए गए आधार कार्ड, समग्र पोर्टल और स्कूल रिकॉर्ड में कई जगह जानकारी मेल नहीं खा रही है, जिसके चलते पूरा विवरण नेशनल पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा है।

इस स्थिति को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि 23 अगस्त तक 100 प्रतिशत डेटा सुधार का लक्ष्य पूरा किया जाए। इसके लिए बड़े कॉलेजों में विशेष शिविर लगाने के आदेश भी दिए गए हैं। विभाग का कहना है कि मौके पर ही छात्रों की समस्याओं का समाधान करके उनकी आईडी तैयार की जाएगी।

अपार आईडी छात्रों की डिजिटल पहचान है, जिसमें उनके कोर्स, अंक, प्रमाणपत्र, ब्लड ग्रुप, मार्कशीट और अन्य शैक्षणिक रिकॉर्ड सुरक्षित रहते हैं। इसके माध्यम से स्कॉलरशिप, एडमिशन, ट्रांसफर और रिजल्ट जैसी प्रक्रियाएं आसान हो जाती हैं। यही कारण है कि सरकार इस प्रक्रिया को पूरी तरह अनिवार्य बनाने की दिशा में काम कर रही है।

इस बीच, एमपी बोर्ड ने छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने घोषणा की है कि सत्र 2025-26 में 10वीं और 12वीं के परीक्षा फार्म भरने के लिए अपार आईडी अनिवार्य नहीं होगी। यानी जिन छात्रों की आईडी अब तक नहीं बन पाई है, वे बिना परेशानी के परीक्षा फार्म भर सकेंगे। हालांकि बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि 2026-27 से यह व्यवस्था पूरी तरह अनिवार्य कर दी जाएगी।

फिलहाल केवल 15 से 20 प्रतिशत छात्रों की ही आईडी तैयार हो सकी है। कारण यह है कि कई दस्तावेजों में अधूरी या गलत जानकारी दर्ज है। स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे इस साल भी छात्रों की आईडी बनाने की प्रक्रिया जारी रखें ताकि अगले साल जब यह अनिवार्य हो जाए, तब किसी छात्र को समस्या का सामना न करना पड़े।

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