छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार देर रात लापरवाही और अव्यवस्था का बड़ा मामला सामने आया। यहां बिजली गुल हो जाने के कारण गर्भवती महिला की डिलीवरी मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में कराई गई। नर्स को प्रसव के दौरान टांके लगाने के लिए वार्ड से बाहर खड़े व्यक्ति से मोबाइल लेना पड़ा। इस घटना का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
घटना बेलसरी गांव की है, जहां ज्योति नाम की महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया। दर्द बढ़ने पर उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया, तभी अचानक लाइट चली गई। इन्वर्टर भी फेल हो गया, जिसके कारण पूरे अस्पताल में अंधेरा छा गया। मजबूरी में नर्स ने मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी का सहारा लिया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि वार्ड में मोमबत्तियां जलाई गईं और ऑपरेशन थिएटर में मोबाइल की टॉर्च जलाकर टांके लगाए गए।
इस दौरान महिला और उसका बच्चा दोनों सुरक्षित रहे, लेकिन अस्पताल की लापरवाही से मरीज और परिजन बेहद परेशान हुए। वार्ड में भर्ती अन्य मरीज उमस भरी गर्मी में गमछे से हवा करते नजर आए। इससे कई लोगों की हालत बिगड़ने का खतरा भी बना रहा।
बीएमओ उमेश कुमार साहू ने सफाई देते हुए कहा कि अस्पताल में थ्री फेज कनेक्शन है और उस समय केवल एक फेज काम कर रहा था। अगर इलेक्ट्रीशियन मौके पर होता तो समस्या जल्दी दूर हो सकती थी। करीब आधे घंटे बाद बिजली बहाल हुई। उन्होंने माना कि इमरजेंसी में टॉर्च की रोशनी से डिलीवरी करानी पड़ी, लेकिन मरीज की जान को कोई खतरा नहीं हुआ।
यह घटना छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है। सवाल यह है कि यदि ऐसे हालात में कोई बड़ी जटिलता सामने आ जाती, तो क्या स्वास्थ्य केंद्र के पास उससे निपटने की तैयारी थी?