डूंगरपुर: जिले के बिछीवाड़ा ब्लॉक चिकित्सा विभाग के अंर्तगत एक महिला नर्सिंग अफसर के चार्ज नही लेने पर सैलेरी रोकने का मामला सामने आया है. महिला पिछले कई दिनों से वेतन के लिए भटक रही है. पीड़ित महिला ने रक्षाबंधन से एक दिन पहले भी जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई थी. कलेक्टर ने बीसीएमएच को फोन करके सैलेरी देने के निर्देश देने के बावजूद अभी तक वेतनमान नही बनाया है. आज पीड़िता ने अब फिर से कलेक्टर को गुहार लगाई है.
पीड़िता माया यादव ने बताया कि उसकी नियुक्ति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछीवाडा में है. बीसीएमएचओ डॉ. नितेश डेंडोर ने उसका जबरदस्ती डेपूटेशन शिशोद गांव के सीएचसी पर कर दिया. महिला नर्सिंग अफसर ने पदस्थापन के साथ वहां पर फॉर्मासिस्ट का पद खाली होने से अतिरिक्त फॉर्मेसी का कार्यभार सौंपा गया है. जिसे माया यादव ने सहज स्वीकार कर दिया. कुछ दिन बाद बीसीएमएचओ ने स्टोर इंचार्ज का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया जिसमें पिछले दो साल से स्टॉक को मैटेंन नही किया गया.
वहीं, पिछले कई वर्ष से अनियमितता चल रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए नर्सिंग अफसर माया यादव ने स्टोर इंचार्ज का चार्ज लेने से मना कर दिया. बीसीएमएचओ ने खफा होकर जुलाई माह की सैलेरी रोक दी. जिससे पीड़ित महिला ने 7 अगस्त को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह से लिखित में परिवेदना दी, उन्होंने राखी के त्यौहार पर वेतन दिलाने की मांग रखी.
जिस पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को मौखिक निर्देश देते हुए राखी से पहले वेतन दिलाने के निर्देश दिए. बीसीएमएचओ डॉ. डिंडोर ने कलेक्टर और सीएमएचओ के आदेशों की अवेलहना करते हुए वेतनमान अभी तक जारी नही किया है. जिससे पीड़िता ने पुन: कलेक्टर से गुहार लगाते हुए वेतनमान दिलाने की मांग की है.
माया यादव ने बताया कि उसके वेतनमान से ईएमआई की कटौती होती है. ऐसे में पेनल्टी का नुकसान झेलना पड़ रहा है. वहीं, बच्चों की पढाई और घरेलू उपयेाग के लिए वेतन की सख्त आवश्यकता है. उन्होंने स्टोर इंचार्ज का कार्य सीनियर अधिकारी को दिलाने और पूर्व में हुई अनियमितता की जांच कराने की मांग की है.