इटावा : नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की हालिया भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठे हैं.गणित, शिक्षा, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र सहित कई विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों के लिए आवेदन करने वाले कई अभ्यर्थियों को चयन के दौरान “उपयुक्त नहीं (Not For Suitable Candidate)” घोषित कर दिया गया.
इस निर्णय से अभ्यर्थियों में गहरा असंतोष है.सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य ने इसे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है.उन्होंने इस पत्र की प्रतिलिपि शिक्षा मंत्रालय, एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों, निदेशक, संयुक्त निदेशक, सचिव और नेता प्रतिपक्ष कार्यालय को भी भेजी है.
शाक्य ने कहा कि विज्ञापन संख्या 174/2024 के अंतर्गत कई उम्मीदवारों ने सभी अर्हताएं पूरी करने के बावजूद उन्हें खारिज कर दिया गया.इससे पहले भी विज्ञापन संख्या 172/2023 में ऐसे ही हालात बने थे.लगातार दो भर्ती विज्ञापनों में योग्य अभ्यर्थियों को “उपयुक्त नहीं” ठहराना पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
उन्होंने राष्ट्रपति से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है, ताकि योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिल सके और एनसीईआरटी की साख बनी रहे.
चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता होना जरूरी है.लगातार दो विज्ञापनों 172/2023 और 174/2024 में समान विवाद सामने आना एनसीईआरटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न है.इस भर्ती प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच होना आवश्यक है.