Uttar Pradesh: राम मंदिर निर्माण बनेगा पढ़ाई का हिस्सा, IIT रुड़की और CBRI में शामिल होगा सिलेबस

अयोध्या में पत्थरों से और बिना लोहे के बने भव्य राम मंदिर का निर्माण अब इंजीनियरिंग छात्रों के लिए एक स्टडी मॉडल बनेगा. IIT रुड़की और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) के सिलेबस में इसे शामिल करने की तैयारी चल रही है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण की पूरी प्रक्रिया से जुड़े पांच वर्षों के वीडियो फुटेज दोनों संस्थानों को देने का निर्णय लिया है। इन वीडियो को अध्ययन सामग्री के रूप में तैयार किया जाएगा और एक डॉक्यूमेंट्री में भी प्रस्तुत किया जाएगा.

मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया वह IIT रुड़की और CBRI के प्रमुखों को आमंत्रित करेंगे और इस संबंध में एक विस्तृत समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण बिना लोहे के, पारंपरिक तकनीक और आधुनिक इंजीनियरिंग के मेल से किया गया है, जो छात्रों के लिए टेक्निकल लर्निंग का अनोखा विषय होगा.

अगस्त 2020 में आधारशिला रखे जाने से लेकर निर्माण की हर स्टेज को पांच कैमरों की मदद से रिकॉर्ड किया गया है. दिसंबर 2025 तक मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना है.

ट्रस्ट की तीन दिवसीय बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि:

राम मंदिर आंदोलन में बलिदान देने वालों की स्मृति में ग्रेनाइट स्मारक बनाया जाएगा, लगभग 10 एकड़ हरे-भरे क्षेत्र में पंचवटी का विकास होगा, जो बंदरों और पक्षियों के लिए प्राकृतिक आवास बनेगा. पंचवटी में एक जलाशय (वाटर बॉडी) भी तैयार किया जाएगा.

अब इंजीनियरिंग छात्र पढ़ सकेंगे कि कैसे आधुनिक भारत में बिना लोहे के, केवल पत्थरों से, हजारों साल पुरानी परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए विश्व का यह अद्वितीय मंदिर बनाया गया.

 

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