गाजीपुर: आईएस 191 गैंग मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी जिन्हें 3 अगस्त को लखनऊ स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया गया था और इन पर मुकदमा दर्ज किया गया था. इन्होंने गैंगस्टर के मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर जप्त की गई देवड़ी बल्लभ दास इलाके की एक भू संपत्ति जिसकी कीमत करीब 10 करोड़ के आसपास थी उसे जप्त किया गया था. और इस संपत्ति को रिलीज करने के लिए अफसा अंसारी का एक फर्जी हस्ताक्षर कर उमर अंसारी और उनके अधिवक्ता के द्वारा दस्तावेज लगाया गया था जो फर्जी हस्ताक्षर की जानकारी होने पर मुकदमा दर्ज कर उमर अंसारी की गिरफ्तारी की गई थी.
इसी मामले में शक्ति सिंह की कोर्ट में दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं के द्वारा बहस की गई और अंत में न्यायाधीश ने उमर अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दिया वही उनके अधिवक्ता के जमानत पर कल सुनवाई होगी.
बता दे की मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के द्वारा अनैतिक कार्यों से मिले धन से अवैध संपत्तियों क्रय की गई थी उन्हें संपत्ति में सदर कोतवाली इलाके के देवी बल्लभ दास मोहल्ले में 10 करोड़ की एक भू संपत्ति जिसे जिलाधिकारी के निर्देश पर गाज़ीपुर पुलिस ने कुर्क करने का काम किया था इस संपत्ति को रिलीज करने के लिए अफसा अंसारी जो 50000 की इनामियां है और पिछले काफी दिनों से फरार चल रही है. उनके हस्ताक्षर उनके बेटे उमर अंसारी और उनके अधिवक्ता लियाकत अली के द्वारा लगाकर दस्तावेज कोर्ट में पेश किया गया और जब उसे हस्ताक्षर पर कोर्ट ने ध्यान दिया तब प्रथम दृष्टिया हस्ताक्षर फर्जी प्रतीत हुआ इसके बाद मोहम्मदाबाद पुलिस ने इस मामले पर लियाकत अली और उमर अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया और 3 अगस्त को उमर अंसारी को लखनऊ स्थित विधायक निवास से गिरफ्तार किया था.
इसी मामले में आज दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं की तरफ से बहस की गई और बहस के उपरांत न्यायाधीश शक्ति सिंह की कोर्ट ने उमर अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. शासकीय अधिवक्ता ने बताया की विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने भी उनके हस्ताक्षर को फर्जी घोषित कर दिया है.