कानड़। ग्राम पंचायत चकबड़ा बीड़ के अंतर्गत आने वाले बंजारा समाज के गांव झंडावली पठार में एक गांव के व्यक्ति करमा कछावा की मौत हो जाने पर ग्रामीणों को अंतिम संस्कार बड़ी मजबूरी में टायर जलाकर करना पड़ा। लगातार बारिश के कारण खुले मैदान में लकड़ियों की व्यवस्था नहीं हो पाई, वहीं गांव में श्मशान घाट न होने के चलते लोग अंतिम संस्कार की उचित व्यवस्था से वंचित रहे।
गांव में नहीं है श्मशान घाट
गांव के लोगों ने बताया कि लगभग 200 घरों की आबादी वाले इस गांव में आज तक श्मशान घाट का निर्माण नहीं हुआ है। इस वजह से हर बार अंतिम संस्कार के समय ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गांव के वरिष्ठ दिनेश चावड़ा, मदनसिंह, राजन कछावा, रमेश, रोड़सिंह, मोतीलाल भरवात ने बताया कि हमने कई बार पंचायत और अधिकारियों से श्मशान घाट बनाने की मांग की, लेकिन अब तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। मजबूरी में हमें टायर जलाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा, जो हमारी परंपराओं के खिलाफ है।
लोगों को लगातार झेलनी पड़ती है परेशानी
ग्रामीण मदन सिंह ने कहा गांव में जगह की कोई समस्या नहीं है, लेकिन फिर भी श्मशान घाट नहीं बनाया गया। हर बार परिजनों को अंतिम संस्कार के समय परेशानी झेलनी पड़ती है। ग्रामीण रमेश ने कहा आज तक किसी भी अधिकारी ने गांव आकर हमारी समस्या नहीं देखी। श्मशान घाट न होने से हमें अपमानजनक हालात का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द गांव में श्मशान घाट का निर्माण कराने की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी को ऐसी मजबूरी का सामना न करना पड़े।