टीआईटी कॉलेज के दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग कांड की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक बार फिर इस मामले को लेकर भोपाल पहुंचा है। पिछले दो दिनों में इस दल ने पीड़िताओं के बयान लिए हैं। अभी हाल ही में ड्रग-हथियार तस्करी और यौन शोषण के आरोप में पकड़े गए मछली परिवार के सदस्यों और उनके गिरोह से जुड़ी जानकारी जुटाई है।
बताया जा रहा है कि आयोग दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग केस में आरोपितों को बाहरी वित्तीय मदद पहुंचाने वाले स्रोत की तलाश कर रहा है। उनको आशंका है कि मछली परिवार का यह गिरोह उसमें शामिल हो सकता है।
अप्रैल 2025 में भोपाल में अजमेर जैसा दुष्कर्म कर ब्लैकमेलिंग करने वाला गिरोह पकड़ा गया था। इस मामले में पांच पीड़िताएं सामने आईं। उनकी शिकायत पर पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के जांच दल भी पहुंचे थे। अब मानवाधिकार आयोग के जांच दल ने साफ संकेत दिए हैं कि यह मामला महज यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग तक सीमित नहीं, बल्कि इसके तार ड्रग और हथियार तस्करी से भी जुड़ सकते हैं।
शारिक मछली के गिरोह से जुड़े होने का संदेह
आयोग के दल ने दुष्कर्म पीड़िताओं से जो बातचीत की है उसमें विशेष रूप से शारिक मछली और फरहान के संबंधों पर सवाल पूछे गए। दोनों पर संदेह है कि वे न केवल इस गिरोह से जुड़े हुए थे, बल्कि ड्रग और हथियारों की अवैध तस्करी के जरिए गिरोह को आर्थिक सहायता भी पहुंचा रहे थे। हाल ही में मछली परिवार के शाहवर और यासीन की गिरफ्तारी ने इस संदेह को और गहरा कर दिया है।
अप्रैल में दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग कांड के सामने आने के बाद मुख्य आरोपित फरहान का संबंध टीआइटी कालेज के पास रहने वाले रसूखदार मछली कारोबारी शारिक अहमद उर्फ शारिक मछली से जोड़ा जा रहा था। इस अपराध में फरहान अकेला नहीं था।
पूरी गतिविधि गिरोह के तौर पर संचालित थी। बेहद सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि के आरोपितों की हाइप्रोफाइल जीवन शैली से यह संदेह उपजा कि बिना बाहरी मदद के इस तरह का गिरोह इस स्तर पर लड़कियों को प्रभावित नहीं कर सकता।
शारिक मछली को नोटिस देकर बुलाया
पिछली बार मानवाधिकार आयोग के जांच दल ने पुलिस को गिरोह को वित्तीय मदद पहुंचाने वालों की जांच का निर्देश दिया था। पुलिस ने कुछ लीड पर काम किया, लेकिन इसे गहराई से खंगाल नहीं पाई। इस बार आयोग ने सीधी पूछताछ के लिए शारिक मछली को नोटिस देकर बुधवार को बुलाया था। शारिक इस पूछताछ के लिए आयोग के पास नहीं पहुंचा।