‘आप कर क्या रहे हैं?’, SIR पर सियासी दलों की चुप्पी देख सुप्रीम कोर्ट ने जताई हैरानी

बिहार SIR मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष निर्वाचन आयोग ने कहा कि जो राजनीतिक पार्टियां SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए शोर शराबा मचा रही हैं उन्होंने आयोग की टीम के सामने अब तक एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई है. जबकि राजनीतिक दलों के एक लाख 61 हजार बूथ लेवल एजेंट हैं. एक बीएलए एक दिन में दस तक आपत्ति या सुझाव का सत्यापन कर दाखिल कर सकता है. उसे समय की कोई दिक्कत या कमी नहीं हैं. जबकि दो लाख 63 हजार नए वोटर ने एक अगस्त के बाद वोटर लिस्ट में रजिस्ट्रेशन की अर्जी दाखिल की है.

सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों की निष्क्रियता हैरान करने वाली है. अदालत ने सवाल उठाया कि बीएलए (बूथ स्तर एजेंट) नियुक्त करने के बाद वे क्या कर रहे हैं और लोगों तथा स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच इतनी दूरी क्यों है. कोर्ट ने साफ कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाताओं की मदद के लिए आगे आना चाहिए.

चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर प्रकाशित की सूची

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के समक्ष निर्वाचन आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कई अहम दलीलें रखीं. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा था कि वह उन 65 लाख लोगों की सूची जारी करें जिनके नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं. आयोग को लिस्ट में यह भी बताना था कि आखिर उनके नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल न करने की वजह क्या है.

निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया गया गया है और ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल न होने वाले लगभग 65 लाख लोगों की बूथवार सूची वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है.

65 लाख लोग डिजिटल रूप से हासिल कर सकते हैं जानकारी

आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट लिस्ट में नाम शामिल न किए जाने के कारणों का भी खुलासा किया गया है और जिला स्तर पर वेबसाइट पर डाला गया है. इससे पहले हमने बीएलए को भी जानकारी दी थी. पंचायत और बीडीओ के ऑफिस में पोस्ट करने का निर्देश दिया गया था. वह भी कर दिया गया है. सोशल मीडिया पर भी जानकारी दी गई है. यह भी बताया गया है कि ये 65 लाख लोग डिजिटल रूप से भी जानकारी हासिल कर सकते हैं और आधार कार्ड जमा कर सकते हैं. अब सुधार के लिए लोगों को आवेदन के साथ फॉर्म 6 के जरिए दावा करना होगा.

कपिल सिब्बल ने बताया कि वो आरजेडी के मनोज झा ओर से पेश हो हो रहे है. वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि वो 7 राजनीतिक पार्टियों की ओर से पेश हो रहे हैं. आयोग के वकील ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपनी आपत्ति लिखित में जमा नहीं कराई है.

‘राजनीतिक पार्टियां खूब शोर मचा रहीं लेकिन सहयोग के नाम पर जीरो’

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि इन राजनीतिक दलों ने कितने BLA नियुक्त किए. आयोग ने कहा एक लाख 61 हजार. द्विवेदी ने कहा कि एक ओर तो एक लाख 61 हजार बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करने के बावजूद एक भी आपत्ति दाखिल नहीं की. लेकिन वहीं राजनीतिक पार्टियां खूब शोर मचा रही हैं. लेकिन आयोग को सहयोग के नाम पर जीरो हैं. राजनीतिक पार्टियों को विरोध का अधिकार तो है लेकिन उन्हें इस बाबत सहयोग करना.

‘कहीं से भी दाखिल किया जा सकता है नाम जोड़ने का दावा’

चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपनी आपत्ति लिखित में जमा नहीं कराई है. राकेश द्विवेदी ने कहा कि सांसदों ने याचिका दाखिल की है, राजनीतिक दलों ने नहीं. सिब्बल ने स्पष्ट किया कि वह आरजेडी सांसद मनोज झा की याचिका में पेश हो रहे हैं, पार्टी की नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने भी याचिका दाखिल की है? सिब्बल ने कहा कि इसकी उम्मीद नहीं है! चुनाव आयोग ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कहीं से भी नाम जोड़ने का दावा दाखिल कर सकता है. उसे  बिहार आने की जरूरत नहीं है.

Advertisements
Advertisement