सवाई माधोपुर: जिले में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इसी दौरान सूरवाल बांध में एक बड़ा हादसा हो गया. जहां लोगों से भरी एक नाव अचानक पलट गई, इस दुर्घटना में 10 लोग पानी में डूब गए. मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणों ने आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और कड़ी मेहनत के बाद 3 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. जबकि बचे 7 लोग अब भी लापता है. सभी की तलाश के लिए NDRF की टीम को मौके पर बुलाया गया है, जो लगातार लापता लोगों को ढूंढने के अभियान में जुटी हुई है.
यह हादसा उस समय हुआ जब नाव अचानक बांध के तेज बहाव में आ गई, जिससे नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह पानी में पलट गई. इस दर्दनाक हादसे के बाद इलाके में अफरा तफरी और दहशत का माहौल बना हुआ है.
बाढ़ के पानी में बही बलीनो कार, एक व्यक्ति का शव बरामद
इस हादसे से कुछ देर पहले खंडार रोड पर स्थित कुशाली दर्रा नाले में पानी के तेज बहाव में एक बलेनो कार बह गई थी. कार में 4-5 लोग सवार थे, जो मध्य प्रदेश के शिवपुरी के बताए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने कार सवारों को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और अपनी जान जोखिम में डालते हुए गाड़ी को पानी में उतार दिया. देखते ही देखते पानी का तेज बहाव कार को अपने साथ बहा ले गया.
इस घटना की जानकारी मिलते ही रवाजना डूंगर थाना पुलिस और NDRF की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने कार को नाले से बाहर निकाला. रेस्क्यू टीम को कार में से एक युवक का शव भी मिला है. वहीं, कार में सवार बाकी 3-4 लोगों की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस उनके परिजनों से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है.
रेलवे ट्रैक पर जलभराव, धीमी पड़ी ट्रेनों की रफ़्तार
मूसलाधार बारिश का असर सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि रेलवे पर भी पड़ा है. सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पूरी तरह से पानी में डूब गया है. ट्रैक पर डेढ़ से दो फीट तक पानी भर गया है, जिससे दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर ट्रेनों की रफ्तार थम गई है. रेलवे प्रशासन को ट्रेनों को बेहद धीमी गति से निकालना पड़ रहा है. पटरी पर फर्राटा भरने वाली ट्रेनें पानी में रेंगती हुई नजर आ रही हैं. यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रेलवे कर्मियों को भी पानी में चलकर ट्रेनों को रास्ता दिखाना पड़ रहा है.
कई सड़कों पर आवागमन ठप
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी बारिश इतनी तेज हुई कि कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. जिले के सैकड़ों गांव पानी में डूब गए हैं और कई इलाकों में दो से तीन फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोगों का घरेलू सामान बर्बाद हो गया है.
नेशनल हाईवे 552 पर बनी उघाड़ पुलिया दोबारा टूट गई है, जिससे खंडार उपखंड क्षेत्र के सैकड़ों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है. इसके अलावा, राजस्थान का मध्य प्रदेश से भी सड़क संपर्क टूट गया है. वहीं चंबल, बनास, गलवा, मोरल और गंभीरा जैसी सभी नदियां और नाले उफान पर हैं. रणथंभौर के पहाड़ों से आ रहे पानी ने हालात और भी बिगाड़ दिए हैं