बालाघाट के माओवादी क्षेत्रों में नेटवर्क ठप, ग्रामीणों ने लगाया जाम

बालाघाट के माओवाद प्रभावित बैहर और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या ने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है। शुक्रवार को गांगुलपारा के बंजारी में ग्रामीणों ने बालाघाट–बैहर राजमार्ग पर चक्काजाम कर विरोध जताया। अचानक जाम लगने से राजमार्ग पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्री घंटों तक फंसे रहे।

ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क न होने से पंचायतों के कामकाज ठप हो गए हैं। कई बार कर्मचारी जरूरी काम करने के लिए ऊंचाई वाले स्थान पर चढ़ते हैं, लेकिन नेटवर्क बहुत कमजोर रहता है। इससे काम पूरे नहीं हो पाते और जरूरी फाइलें लंबित पड़ी रहती हैं। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब आपात स्थिति में एंबुलेंस तक नहीं बुला पाते।

ग्रामीणों ने बताया कि बीएसएनएल के अधिकतर टावर लंबे समय से बंद पड़े हैं। घने जंगलों में लगे इन टावरों की देखरेख नहीं हो रही, जिससे नेटवर्क की समस्या लगातार बनी हुई है। कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर कलेक्टर तक को इस मुद्दे से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मोबाइल नेटवर्क की समस्या दूर नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि नेटवर्क की समस्या के कारण विकास कार्यों पर ग्रहण लग गया है। पंचायत की योजनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ भी समय पर ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पा रहा।

ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि सरकार और प्रशासन केवल कागजों में समस्या का हल दिखाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो या किसी आपातकालीन स्थिति में मदद बुलाना – सब कुछ नेटवर्क न होने के कारण ठप है।

इस चक्काजाम से साफ हो गया है कि ग्रामीण अब अपनी बुनियादी सुविधा के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि जब तक नेटवर्क की समस्या हल नहीं होगी, वे चुप नहीं बैठेंगे।

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