जांजगीर-चांपा। जिले के कोटमी सोनार गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चार फीट लंबा मगरमच्छ अचानक एक ग्रामीण के घर में घुस गया। घर के लोग घबराकर इधर-उधर भागे और तुरंत मदद के लिए पुकारा। स्थानीय युवाओं ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ को पकड़ लिया और उसे सुरक्षित क्रोकोडायल पार्क में छोड़ दिया। सौभाग्य से किसी को नुकसान नहीं पहुंचा।
जानकारी के अनुसार, कुलदीप सिंह का घर क्रोकोडायल पार्क के पास है। अचानक घर में घुस आए मगरमच्छ ने सभी को डरा दिया। समय रहते रेस्क्यू होने के कारण बड़ी अनहोनी टल गई। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं क्योंकि गांव के आसपास कई तालाब और बांध हैं, जहां बड़ी संख्या में मगरमच्छ मौजूद हैं।
गांव वालों ने बताया कि कोटमी सोनार प्रदेश का एकमात्र क्रोकोडायल पार्क है, जिसमें करीब 400 मगरमच्छ हैं। इसके अलावा आसपास के तालाब और बांधों में भी मगरमच्छ रहते हैं, जो बरसात के दिनों में अक्सर गांव में घुस आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तलाबों से मगरमच्छों को पकड़कर पार्क में डाला जाना चाहिए, ताकि गांव में खतरा कम हो।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि वन विभाग इस ओर कोई खास ध्यान नहीं दे रहा है। कई बार ग्रामीणों ने सूचना दी, लेकिन रेस्क्यू टीम समय पर नहीं पहुंची। इस कारण ग्रामीण हमेशा डर के साए में जीते हैं। बरसात के दिनों में यह समस्या और भी बढ़ जाती है, जब मगरमच्छ खेतों और गलियों तक पहुंच जाते हैं।
क्रोकोडायल पार्क करीब 25 हेक्टेयर में फैला हुआ है। हालांकि इसे तार फेंसिंग से घेरा गया है, मगर छोटे मगरमच्छ कभी-कभी बाहर निकल आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चार फीट लंबा मगरमच्छ पार्क से नहीं निकला होगा, बल्कि आसपास के किसी तालाब से आया होगा।
ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि गांव के सभी तालाबों में मौजूद मगरमच्छों को जल्द से जल्द रेस्क्यू कर पार्क में शिफ्ट किया जाए, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।