नर्मदापुरम के इटारसी में रहने वाले आरिफ खान चिश्ती ने वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को किडनी डोनेट करने की पेशकश की है। न्यास कॉलोनी निवासी आरिफ ने कलेक्टर सोनिया मीणा को पत्र लिखकर अपनी इच्छा जताई है। साथ ही उन्होंने ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिए भी संदेश भेजा है।
आरिफ ने कहा कि वे प्रेमानंद महाराज से गहराई से प्रभावित हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि महाराज हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं और समाज में प्रेम, शांति और राष्ट्रभक्ति का संदेश दे रहे हैं। मीडिया के जरिए उन्हें पता चला कि महाराज की दोनों किडनियां फेल हो चुकी हैं, इसलिए वे अपनी एक किडनी दान करना चाहते हैं।
प्रेमानंद महाराज ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक बीमारी से पीड़ित हैं और फिलहाल गंभीर स्थिति में हैं। आरिफ का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है और समाज की सोच उनके लिए मायने नहीं रखती। उन्होंने कहा कि उनका परिवार भी इस फैसले में उनके साथ है।
आरिफ के पिता और तीन भाई हैं। मां का पहले ही निधन हो चुका है। वे सबसे छोटे बेटे हैं और हाल ही में उनकी शादी हुई है। पत्नी भी किडनी दान करने के उनके फैसले का समर्थन कर रही हैं। आरिफ 12वीं तक पढ़े हैं और ऑनलाइन काम करते हैं।
दूसरी ओर, प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। उनका जन्म 1969 में कानपुर के अखरी गांव में हुआ था। बचपन से ही उनका झुकाव अध्यात्म की ओर रहा और 9वीं कक्षा में उन्होंने परिवार त्याग दिया। वे राधारानी के भक्त हैं और उनके आश्रम में रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन और धार्मिक चर्चा के लिए पहुंचते हैं।
गांव के लोग अब भी उन्हें अनिरुद्ध पांडे के नाम से याद करते हैं और बताते हैं कि वे गांव के शिव मंदिर में पूजा करते थे। पिछले 40 साल से वे अपने गांव नहीं लौटे, लेकिन उनकी आस्था और भक्ति का प्रभाव आज भी दूर-दूर तक फैला है।