JK: लश्कर के लिए काम कर रहे थे सरकारी कर्मचारी, नौकरी से धोना पड़ा हाथ

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (C) का हवाला देते हुए दो सरकारी कर्मचारियों को आतंकी संबंधों के आरोप में बर्खास्त कर दिया. जांच से पता चला की ये सरकारी कर्मचारी पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे थे. कानून प्रवर्तन (law enforcement) और खुफिया एजेंसियों को उनके खिलाफ आपत्तिजनक सबूत भी मिले थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.

गिरफ्तारी किए गए आरोपी में एक शिक्षक और दूसरा सहायक पशुपालक है. शिक्षक की पहचान खुर्शीद अहमद राठेर जो कुपवाड़ा के करनाह में शिक्षक के तौर पर कार्यरत था और सहायक पशुपालक (भेड़ पालन विभाग) की पहचान सियाद अहमद खान के रूप में हुई है.

कौन है खुर्शीद अहमद ?

आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे खुर्शीद अहमद राठेर पेशे से शिक्षक हैं. खुर्शीद को 2003 में सरकारी सेवा में (रहबर-ए-तालीम के तहत अस्थायी रूप से) नियुक्त किया गया था और 2008 में शिक्षक के रूप में स्थायी किया गया था. खुर्शीद लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकवादी संगठन के लिए ओजीडब्ल्यू के रूप में काम कर रहा था.

आतंकवादियों को पहुंचाता था हथियार

युवाओं को शिक्षा प्रदान करने और अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा भुगतान किए जाने के बावजूद, खुर्शीद लश्कर की आतंकवादी गतिविधियों का एक सक्रिय माध्यम बन गया. जांच से पता चला है कि खुर्शीद को पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं द्वारा घाटी में सक्रिय आतंकवादियों तक पहुंचाने के लिए हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थ खरीदने का काम सौंपा गया था. वह आतंकवादी आकाओं मंजूर अहमद शेख उर्फ ​​शकूर और जाविद अहमद के संपर्क में था.

जांचकर्ताओं ने खुलासा किया है कि खुर्शीद को कुपवाड़ा के करनाह में एलओसी के रास्ते हथियारों और नशीले पदार्थों से भरी कई खेपें मिली थीं. ये हथियार राज्य में सक्रिय आतंकवादियों को दिए जाते थे और नशीले पदार्थों को बेचने से जो पैसे मिलते थे वह आतंकी अभियानों के लिए इस्तेमाल किए जाते थे.

चार साथियों के साथ मिलकर करता था तस्करी

25 जनवरी 2024 को एजेंसियों को सूचना मिली कि दो पाकिस्तानी आतंकवादी कुपवाड़ा में अपने चार साथियों की मदद से हथियारों की तस्करी में शामिल हैं. इन चार साथियों के नाम खुर्शीद अहमद राथर, जहूर अहमद, गुलाम सरवर और काज़ी फजल थे. इसके बाद एक एफआईआर दर्ज की गई और जहूर अहमद को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. जहूर ने अपने नेटवर्क का खुलासा किया और खुर्शीद सहित उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

खुर्शीद और उसके साथियों से लगातार पूछताछ के बाद, भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया, जिसमें 5 AK टाइप (शॉर्ट), MP 5 राइफलें, 1 AK-47 राइफल, 2 पिस्तौल, 5 MP, 5 मैगजीन, 2 पिस्तौल मैगजीन, 1 AK-47 मैगजीन, 20 AK-47 राउंड शामिल थे. खुर्शीद को गिरफ्तार कर लिया गया. वर्तमान में वह कुपवाड़ा की जिला जेल में बंद है.

शिक्षा ही किसी देश की दिशा तय करती है. यह जरूरी है कि पढ़ाने वाले लोग उच्चतम नैतिकता और ईमानदारी वाले हों. जम्मू-कश्मीर में खुर्शीद जैसे न जाने कितने लोग स्कूल और कॉलेजों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कामों की आड़ में पाकिस्तानी आतंकवादियों का साथ देते हैं. जांचकर्ता का कहना है कि अगर शिक्षा प्रणाली खुर्शीद जैसे लोगों से संक्रमित हो जाए, तो पूरा देश वास्तव में संकट में पड़ जाएगा.

कौन है सियाद अहमद खान?

सियाद अहमद खान पेशे से सहायक पशुपालक हैं. सियाद को 2004 में भेड़ पालन विभाग में सहायक पशुपालक के पद पर नियुक्त किया गया था. उसने अपनी इच्छा से पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए काम करना शुरू कर दिया. सियाद घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को शरण देने और उन्हें हथियार व गोला-बारूद पहुंचाने का काम करता था. जांचकर्ताओं के अनुसार, सियाद ने आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखने के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी भी शुरू कर दी थी.

आतंकवादियों के लिए ले जा रहा था AK-47

जांचकर्ताओं ने बताया कि सियाद को12 जनवरी 2024 को पीर बाबा दरगाह, केरन, कुपवाड़ा में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की एक नाका पार्टी ने रोका और गिरफ्तार कर लिया. तलाशी लेने पर, उसके पास से एक AK-47 बरामद हुई, जिसे वह एक आतंकवादी के लिए ले जा रहा था. उसके सहयोगी रफाकत अहमद खान के पास से एक पिस्तौल, एक पिस्तौल की मैगजीन और 5 पिस्तौल के राउंड बरामद हुए.

जांच में यह भी पता चला कि सियाद खान पाकिस्तान स्थित हैंडलर बशारत अहमद खान के संपर्क में था, जो सियाद खान और उसके साथियों के जरिए एलओसी बाड़ के पास केरन में हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की तस्करी करता था. जिनका इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए किया जा जाता था.

जांचकर्ता ने कहा कि सियाद जैसे लोग सरकारी खजाने पर पलते हैं और अपनी आतंकवादी गतिविधियों से भारत को नुकसान पहुंचाते रहते हैं. ऐसे लोगों का पूरी तरह से सफाया होना चाहिए. उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन का सहयोगी और सरगना बनकर सियाद की देश के प्रति बेवफाई ने समाज और देश को भारी नुकसान पहुंचाया है. सियाद को 2024 में गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय कुपवाड़ा की जिला जेल में बंद है.

राज्य से मिटा देगे आतंकवाद: उपराज्यपाल

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवाद और उसके सहयोगी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. उनकी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत कई तरह की रणनीति अपनाई जा रही है. जिसमें आतंकवादियों पर कार्रवाई, उनके नेटवर्क को ध्वस्त करना, आतंकियों के मददगारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करना और राज्य में शांति का बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक भागीदारी शामिल है. मनोज सिन्हा का लक्ष्य राज्य से पूरी तरह से आतंकवाद को खत्म कर यहां शांति स्थापित करना है.

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