नौकरी के साथ साहित्य साधना: माधवदास ने लिखा श्याम चरित मानस महाकाव्य, सुल्तानपुर में दी गई श्रद्धांजलि

सुल्तानपुर: जिले के जयसिंहपुर क्षेत्र के गांव बनमई में श्याम चरित मानस महाकाव्य के रचयिता माधवदास को श्रद्धांजलि दी गई. साहित्यकार माधवदास का जन्म 11 नवंबर 1948 को रामबरन यादव और देवपती के घर हुआ था. उनका बचपन अभावों में बीता. रोजी-रोटी की तलाश में वे कलकत्ता तक गए, लेकिन वहां से लौटना पड़ा. उन्होंने गंगा के घाट से गीत लिखना शुरू किया.

श्री सुभाष इंटर कालेज पलिया कॉलेज में पुस्तकालय अधीक्षक के रूप में काम करते हुए गायन भी करते रहे. अवधी और भोजपुरी भाषा में महारत हासिल करने के बाद वे बिरहा सम्राट के नाम से प्रसिद्ध हुए. उनकी रचनाओं में प्राकृतिक, सामाजिक, राजनीतिक और देशप्रेम के विषय शामिल हैं. आज उनके कई शिष्य आज सांस्कृतिक विभाग, सूचना विभाग और आकाशवाणी में कार्यरत हैं.

कुछ शिष्य भगवत कथा का वाचन कर रहे हैं. मधुर व्यवहार और कर्मठता के धनी “माधवदास” ने पारिवारिक व्यस्तता के बीच “श्याम चरित मानस” महाकाव्य और सेतुबंध रामेश्वरम् खंड काव्य की रचना की. 22 अगस्त 2021 को उनका निधन हो गया. श्रद्धांजलि सभा में पवन कुमार यादव, छविलाल पाल, साहित्यकार सर्वेश कांत वर्मा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.

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