भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल, पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बताया कि 15 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.48 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 695.10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। लगातार बढ़ रहे भंडार ने भारत की आर्थिक स्थिति को और मजबूत बना दिया है। गौरतलब है कि सितंबर 2024 में यह भंडार अब तक के उच्चतम स्तर 704.88 अरब डॉलर पर पहुंच चुका था।

आरबीआई की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets) 1.92 अरब डॉलर बढ़कर 585.90 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। यह कुल भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा है। इन संपत्तियों में अमेरिकी डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और जापानी येन जैसी प्रमुख विदेशी मुद्राओं में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव शामिल होता है। वहीं, सोने का भंडार 2.16 अरब डॉलर घटकर 86.16 अरब डॉलर रह गया है। इसके साथ ही भारत की IMF में रिज़र्व पोज़ीशन भी 1.5 करोड़ डॉलर की वृद्धि के बाद 4.75 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़ोतरी भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। बढ़ा हुआ भंडार न सिर्फ रुपये की मजबूती में सहायक है बल्कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच देश की स्थिति को भी स्थिर बनाए रखता है।

आरबीआई समय-समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है ताकि रुपये की कीमत पर दबाव न बढ़े और बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहे। हालांकि केंद्रीय बैंक का कहना है कि वह केवल आवश्यकता पड़ने पर ही हस्तक्षेप करता है।

इसके उलट पाकिस्तान की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मामूली बढ़ोतरी के साथ 19.57 अरब डॉलर दर्ज किया गया है। इसमें से 14.25 अरब डॉलर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास और 5.31 अरब डॉलर कमर्शियल बैंकों के पास है। सप्ताह दर सप्ताह इसमें महज 0.09 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। कुल विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान के सिर्फ 2.3 महीनों के आयात को ही कवर कर पाता है। यह स्थिति बताती है कि पाकिस्तान आर्थिक रूप से अभी भी संकट से जूझ रहा है।

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