नकली CBI अफसरों ने की 2.3 करोड़ की लूट, असली पुलिस ने दो को दबोचा

राजधानी के विवेक विहार इलाके में 2.3 करोड़ रुपये की लूट के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। आरोपियों ने कारोबारी के घर पर फर्जी CBI रेड दिखाकर न केवल नकदी लूटी बल्कि पीड़ितों को अगवा भी किया था। पुलिस ने इस वारदात में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार कर 1.08 करोड़ रुपये बरामद किए हैं, जबकि बाकी आरोपी अब भी फरार हैं।

जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी मनप्रीत फाइनेंस, प्रॉपर्टी और कंस्ट्रक्शन का काम करते हैं। उन्होंने बीते महीनों में करीब 2.5 करोड़ रुपये इकट्ठा किए थे और इन्हें अपने विवेक विहार स्थित घर पर रखा था। 19 अगस्त को मनप्रीत ने अपने दोस्त रवि शंकर को 1.10 करोड़ रुपये लेने के लिए घर भेजा। रवि जैसे ही नकदी लेकर बाहर निकला, दो अर्टिगा गाड़ियों से आए चार लोगों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर उसे रोक लिया।

लुटेरों ने पहले रवि और घर में मौजूद कर्मचारी दीपक महेश्वरी के साथ मारपीट की, फिर उन्हें धमकाकर घर के अंदर ले जाकर बाकी रकम भी लूट ली। इसके बाद दोनों को गाड़ी में अगवा कर चिंतामणि अंडरपास और निगमबोध घाट इलाके में छोड़कर आरोपी फरार हो गए। जाते-जाते उन्होंने धमकी भी दी कि शिकायत करने पर अंजाम बुरा होगा।

पुलिस ने CCTV फुटेज और गाड़ियों की नंबर प्लेट के आधार पर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि इस्तेमाल की गई अर्टिगा गाड़ियां फरीदाबाद से किराए पर ली गई थीं और साकेत मेट्रो स्टेशन के पास एक NGO के जरिए बुक की गई थीं।

इसके बाद पुलिस ने NGO के ऑफिस पर छापेमारी कर असम निवासी पापोरी बरुआ (31) और तुगलकाबाद निवासी दीपक (32) को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 1.08 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश जारी है और बाकी रकम की बरामदगी के लिए लगातार छापेमारी हो रही है।

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