बिहार का वह गांव, जहां सड़क नहीं होने से मरीजों को एंबुलेंस की बजाय खाट पर ढोना पड़ता है

औरंगाबाद: देश ने अभी हाल में ही अपना 79 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. बिहार के मुख्यमंत्री ने इस दिवस पर पटना के गांधी मैदान में झंडोतोलन के बाद राज्य के विकास की गाथा सुनाते फुले नहीं समाते नजर आए. मगर विकास की हकीकत क्या है यह बिहार के औरंगाबाद जिले के नबीनगर प्रखंड के तोल पंचायत के लखनपुर टोला के पहाड़ बिगहा गांव में आकर देखा जा सकता है.

जिस दिन देश आजादी का जश्न मना रहा था उस दिन पहाड़ बिगहा के ग्रामीण मरीज को खाट पर लेकर अस्पताल जाते नजर आए. इस गांव के विकास की कहानी खुद ग्रामीणों द्वारा एक वीडियो वायरल कर के दी जा रही है।15 अगस्त की शाम 6 बजे बने इस वायरल वीडियो में दिख रहा है कि गांव की सड़क कच्ची हैं और उस सड़क पर सिर्फ कीचड़ ही कीचड़ है.गांव के लोग खाट पर एक मरीज को लेकर अस्पताल जा रहे है. जब इस गांव के हकीकत की जानकारी ली जाती तो पता चला कि आजादी के बाद से इस गांव के लोग एक अदद सड़क के लिए तरस रहे है. गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में कुल 75 घर है.जिसमें 25 घर रविदास, 30 घर पासवान, 10 घर बढ़ई तथा 10 घर मुस्लिम है.

मुख्य मार्ग से गांव की दो किलोमीटर की सड़क कच्ची है.जिससे बरसात के दिनों में बेहद ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां के विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह ने इसके निर्माण का आश्वासन कई बार दिया मगर उनका आश्वासन हवा हवाई साबित हुआ.वही गांव के मुखिया बिंदेश्वरी सिंह ने भी देवी मंदिर में कसम खाकर पक्की सड़क बनवाने का वादा किया था मगर जीतने के बाद वे इस गांव को भूल गए. सड़क की स्थिति से ग्रामीण काफी आक्रोशित है और यह आक्रोश कभी भी फूट सकता है.

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