झारखंड के रांची में स्थित रिम्स अस्पताल में चाय पीते ही गायनी विभाग की पीजी महिला डॉक्टर की हालत बिगड़ गई. इसके बाद उन्हें रिम्स के ही ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती करवाया गया. डॉक्टर की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया है, जहां उनका इलाज किया जा रहा है. यह बात जैसे ही अस्पताल में फैली पूरे मैनेजमेंट में हड़कंप मच गया. मामले की गंभीरता के देखते हुए जांच के लिये रिम्स अस्पताल के द्वार एक जांच टीम गठित की गई है.
साथ ही स्थानीय बरियातू थाना की पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया गया. जानकारी मिलते ही बरियातू थाना की पुलिस रिम्स अस्पताल पहुंची और अस्पताल के कैंटीन को सील कर दिया. चाय के सैम्पल इकट्ठा कर, जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर चाय में ऐसा क्या था कि महिला डॉक्टर की तबियत इस कदर बिगड़ी कि उनको आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखकर इलाज करना पड़ रहा है.
चाय पीते ही बिगड़ी तबियत
जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि गुरुवार की रात गायनी विभाग की पीजी डॉक्टर की रात ड्यूटी थीं. इसी बीच उन्होंने अस्पताल के कैंटीन में चाय पी, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. फिलहाल, उनकी हालत बेहद चिंताजनक बनी हुई है. डॉक्टर्स की टीम उनकी निगरानी कर रही है.
महिला डॉक्टर ने की थी शिकायत
डॉ. राजीव रंजन ने बताया- महिला डॉक्टर ने जब चाय पीनी शुरू की तो यह शिकायत की गई थी कि उसमें से बदबू आ रही है. बची हुई चाय को पुलिस ने जांच के लिए लैब में भेजा है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि चाय में आखिर क्या खराबी थी. फिलहाल डॉक्टर की हालत गंभीर है और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.
कैंटीन संचालक का लाइसेंस रद्द
यह घटना पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर अंसारी ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए कैंटीन संचालक का लाइसेंस रद्द करते हुए कैंटीन सील करवा दी है. साथ ही मामले की जांच का आदेश जारी किया गया है. मामले में डॉ. अंसारी ने स्पष्ट कहा है कि ‘दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा’.