नई दिल्ली:प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुग्राम और दिल्ली में कॉल सेंटर फ्रॉड से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई इस कार्रवाई के तहत ईडी ने 20 अगस्त को दोनों शहरों में सात ठिकानों पर छापेमारी की। यह घोटाला करीब 125 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है, जिसमें आरोपियों ने अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाया था।
ईडी की जांच सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। एफआईआर में आरोप था कि कुछ लोग दिल्ली-एनसीआर में अवैध कॉल सेंटर चला रहे थे। ये कॉल सेंटर मुख्य रूप से अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी सहायता के नाम पर ठगते थे। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने पीड़ितों के बैंक खातों में अवैध रूप से पहुंच बनाई और करोड़ों रुपए विदेशी खातों में ट्रांसफर किए। बाद में इस धन को जटिल बैंकिंग नेटवर्क के जरिए भारत लाकर लक्जरी लाइफस्टाइल पर खर्च किया गया।
ईडी की जांच में सामने आया कि अर्जुन गुलाटी, दिव्यांश गोयल और अभिनव कालरा जैसे आरोपी 2022 से 2024 तक गुरुग्राम और नोएडा से कॉल सेंटर चला रहे थे। इस दौरान उन्होंने लगभग 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 125 करोड़ रुपए की ठगी की। कार्रवाई के दौरान ईडी ने 30 बैंक अकाउंट फ्रीज किए, आठ लग्जरी कारें और महंगी घड़ियां जब्त कीं। साथ ही 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी पकड़ी गई, जो अवैध कमाई से खरीदी गई थी।
जांच एजेंसी ने बताया कि यह नेटवर्क नवंबर 2022 से अप्रैल 2024 तक सक्रिय रहा। इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज है। ईडी ने इस मामले में कई प्रमुख व्यक्तियों और साइबर घोटाले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए हैं। एजेंसी का कहना है कि अभी इस नेटवर्क की गहराई से जांच जारी है और आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।