भोपाल में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने पानी में उगने वाली विदेशी ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी है। भोपाल जंक्शन पर दो आरोपियों के पास से 24.186 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड बरामद की गई। यह गांजे की महंगी किस्म है, जिसे हाइड्रोपोनिक तकनीक से ग्रीन हाउस में उगाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपए प्रति किलो बताई जाती है।
डीआरआई ने इस कार्रवाई को “ऑपरेशन वीड आउट” के तहत अंजाम दिया। इस दौरान देशभर में 72 करोड़ रुपए मूल्य की 72.024 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड और 1.02 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की गई। कार्रवाई में मास्टरमाइंड समेत कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये गिरोह सोशल मीडिया के जरिए बेरोजगार और कॉलेज छोड़ चुके युवाओं को निशाना बनाता था और उन्हें ड्रग्स की तस्करी में शामिल करता था।
20 अगस्त को डीआरआई की टीम ने बेंगलुरु और भोपाल स्टेशन पर एक साथ छापेमारी की। बेंगलुरु से राजधानी ट्रेन में सवार दो यात्रियों के पास 29.88 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड बरामद हुआ। 19 अगस्त को बेंगलुरु से सवार होकर भोपाल पहुंचे आरोपियों को स्टेशन पर पकड़ लिया गया। इस बीच मास्टरमाइंड को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 1.02 करोड़ रुपए की अवैध राशि मिली।
जांच में सामने आया कि गिरोह विदेश से ड्रग्स मंगवाकर भारत में रेव पार्टियों और हाई-प्रोफाइल ग्राहकों को सप्लाई करता था। थाईलैंड से बेंगलुरु पहुंचे एक यात्री को 21 अगस्त को रोका गया, उसके पास से 17.958 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड मिला।
विशेषज्ञों के अनुसार हाइड्रोपोनिक वीड समुद्री पानी में उगाई जाने वाली मरिजुआना की एक वैरायटी है, जिसमें सामान्य गांजे की तुलना में ज्यादा नशा होता है। भारत में यह पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन कनाडा, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देशों में इसकी खेती होती है। प्रतिबंध और जोखिम के कारण भारत में इसकी तस्करी से करोड़ों रुपए का धंधा चलता है।
डीआरआई की इस कार्रवाई से एक बार फिर सामने आया है कि मध्यप्रदेश और देश के बड़े शहर ड्रग्स तस्करों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनते जा रहे हैं। हाल ही में भोपाल में ही 92 करोड़ रुपए कीमत की एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री पकड़ी गई थी।