डूंगरपुर: गेपसागर झील में नए फाउंडेशन पर स्थापित हुई भगवान शिव की प्रतिमा, सभापति ने अफवाहों को बताया  नगर परिषद को बदनाम करने की साजिश 

डूंगरपुर: शहर के हृदय स्थली गेपसागर झील में दो माह पहले रखरखाव के उद्देश्य से हटाई शिव प्रतिमा को श्रावण माह के अंतिम दिन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पुन: स्थापित कर दी गई है. सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि नगर परिषद डूंगरपुर की ओर से कुछ साल पहले मूर्ति को स्थापित किया गया था. इस मूर्ति ने नीचे लौहे के चेम्बर लगाए गए थे. जिसमें लगातार पानी में रहने के कारण जंग लग गया था.  इससे मूर्ति का फाउंडेशन कमजोर हो गया था.

इसी को ध्यान में रखते हुए दो माह पहले फाउंडेशन की मरम्मत करते हुए नया बनाया गया है.  इसके अलावा मूर्ति में स्थापित फव्वारे भी खराब हो गए थे. उनके वाल्व में कचरा भर गया था.  इसी को ध्यान में रखते हुए मूर्ति का संपूर्ण रखरखाव करते हुए उसे बादल महल की तरफ ले गए थे.  जहां पर सभी कार्यों को पूर्ण करने के बाद श्रावण माह के अंतिम दिन मूर्ति को पुन: गेपसागर झील में स्थापित कर दिया गया है.

गलत अफवाह का खंडन करते हुए नगर परिषद को बदनाम करने की साजिश बताया

सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि मूर्ति के नीचे लोहे का फाउंडेशन होने के कारण लगातार जंग खा रहा था. इसको लेकर लगातार रिपेयरिंग कराने की जरुरत थी. रिपेयरिंग के लिए मूर्ति को किनारे लाकर नया फाउंडेशन बनाने की जरुरत थी.  इसी को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद ने मूर्ति को मध्य से बादल महल की तरफ ले गए थे.  इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से नगर परिषद के भाजपा बोर्ड को बदनाम किया जा रहा था.  इसके लिए साजिश रचते हुए मूर्ति को हटाने के लिए प्रोपेगेंडा चलाया गया था.  उसे साधु संत के साथ जोड़कर  फालतू बाते फैलाई जा रही थी.  उसे आज सभापति ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मूर्ति को रिपेयरिंग करने के लिए किनारे पर ले गए थे.  आज रिपेयरिंग पूर्ण हो गई है तो पुन: स्थापित किया गया है.

भगवान शिव की प्रतिमा पर छत्रक, त्रिशूल और मां गंगा स्थापित

सभापति अमृत कलासुआ ने कहा कि भाजपा बोर्ड की ओर से शहर के विकास के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी क्रम में भगवान शिव की प्रतिमा के नीचे नया फाउंडेशन स्थापित किया गया है.  इसके अलावा भगवान शिव के चरणों में स्थिति फाउंटेन खराब हो गए है.  उन्हें भी रिपेयरिंग किया गया है. इसके अलावा शिव की खुल्ली प्रतिमा को देखते हुए एक छत्रक, त्रिशूल भी लगाया गया है.  वही भगवान शिव के सिर पर विराजमान मां गंगा के मुंह से अब निरंतर पानी भी बहेगा. इसके लिए उस तरफ एक फाउंटेन भी लगाया गया है.

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