औरंगाबाद : भाजपा के कद्दावर नेता और औरंगाबाद में पार्टी को स्थापित करने वाले पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह का भारतीय जनता पार्टी की राजनीति से मोह भंग हो गया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है और कहा कि सोमवार 25 अगस्त को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे.
उन्होंने बताया कि भाजपा की राजनीति से संन्यास लेने के बाद वे अपने समर्थकों के साथ औरंगाबाद सहित मगध के सभी सीटों पर मगध विकास मोर्चा के तहत चुनाव लड़ेंगे और चुनाव में उत्तर कोयल नहर का पानी टेकारी तक पहुंचाना, कूटकू डैम का पानी जहानाबाद तक पहुंचाना, सोनदाहा डैम का पानी आमस तक पहुंचाना, तिलैया दाढ़ा का पानी वजीरगंज तक पहुंचाना उनके दल का मुख्य मुद्दा होगा.
पार्टी की गतिविधि और नीतियों से आहट हुए पूर्व सहकारिता मंत्री ने कहा कि पार्टी अब नीति सिद्धांत से भटकर जातीय राजनीति में उलझकर रह गई. चार सवर्ण जातियों को राजनीति से दरकिनार किया जा रहा है.क्योंकि बिहार की राजनीति में कुर्मी, कोइरी और चंद्रवंशी जाति की प्रमुखता है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सर्वे नीति पर भी प्रहार किया है.
कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने मंडल कमीशन लागू कर चार जातियों पर ही प्रहार किया था.लेकिन, नीतीश कुमार के सर्वे नीति से पूरे बिहार की जनता परेशान है।सर्वे में सबका जमीन माली गरमजरूआ हो जाएगा.बंटवारे के बाद अब रसीद नहीं कटेगा.जिसके कारण किसी भी जाति के किसान परेशान है.
उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है.बीजेपी के कार्यशैली से आहत पूर्व मंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल एवं उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तक को नहीं छोड़ा और दोनों पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि अब ऐसे लोगों के साथ राजनीति करना गंवारा नहीं.
उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर भाजपा को कमजोर करने का आरोप तक लगा डाला और कहा कि इस्तीफा देने के बाद वे उन्हें बिहार में कही घूमने नहीं देंगे.पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के निधन पर भी उन्होंने बड़ा खुलासा किया है और कहा कि उनकी हत्या हुई है क्योंकि उन्हें तांत्रिक विधि से मरवाया गया है.जिसका खुलासा इस्तीफा के बाद पटना में बड़े प्रेसवार्ता के दौरान किया जाएगा.
उन्होंने प्रधानमंत्री की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी हैसियत नहीं कि वे उनका विरोध करें.लेकिन स्थिति यह है कि प्रधानमंत्री के द्वारा गया कि सभा में किसान के खेतों तक लाल पानी पहुंचाने की घोषणा धरातल पर नहीं उतरी.प्रधानमंत्री का मगध दौरा इस क्षेत्र में कोई मायने नहीं रखता.उनके आगमन और प्रचार के बाद यहां के विधानसभा में उनकी तथा लोकसभा में सुशील सिंह की हार हुई.उन्होंने कांस्टीट्यूशनल क्लब के चुनाव की भी बाते कही और बताया कि किस प्रकार राजीव प्रताप रुढ़ी का विरोध हुआ.
इतना ही नहीं जिस सम्राट चौधरी के पिता ने प्रधानमंत्री को भरी सभा में गाली देने का काम किया उसे उप मुख्यमंत्री बनाया गया.अब पार्टी में विचारधारा और सिद्धांत कहा बचा रह गया.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में भाजपा को बर्बाद करने की चाल चल रहे है.ऐसी स्थिति में उनका अब इस पार्टी में रहना गंवारा नहीं.
जिस पार्टी को खून पसीने से सीचा,30 बिगहा खेत तक बेचा अब उसी पार्टी को बर्बाद करने के लिए अपनी पचास बिगहा खेत बेचेंगे.उन्होंने मगध के सभी सीटों से अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिया और उनका नाम भी सार्वजनिक किया है.