कर्नाटक की राजनीति में नया विवाद तब शुरू हो गया जब कांग्रेस विधायक एच.डी. रंगनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के गीत की खुले मंच पर जमकर तारीफ कर दी। इससे पहले कांग्रेस के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी इसी गीत को लेकर सकारात्मक टिप्पणी की थी। अब रंगनाथ के इस बयान ने राज्य की सियासत को और गरमा दिया है।
रंगनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि RSS का गीत देशभक्ति और अनुशासन की भावना को मजबूती देता है। उन्होंने इसे “प्रेरणादायी” करार दिया और कहा कि इस तरह के गीत युवाओं को समाज और राष्ट्र सेवा के लिए तैयार करते हैं। उनका मानना है कि समाज सुधार और नैतिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए इस तरह के गीत अहम भूमिका निभा सकते हैं।
उनके इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि कांग्रेस के नेता अब धीरे-धीरे RSS की विचारधारा को स्वीकार कर रहे हैं, जबकि अभी तक वे इसका विरोध करते आए थे। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस केवल दिखावे के लिए आरएसएस का विरोध करती है, लेकिन उनके नेता अंदरखाने संघ की विचारधारा की तारीफ करते रहते हैं।
वहीं कांग्रेस के अंदर भी इस बयान को लेकर हलचल मच गई है। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि इस तरह के बयान से कार्यकर्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। हालांकि, रंगनाथ ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने केवल गीत की अच्छाईयों की चर्चा की है, इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
विशेषज्ञों का कहना है कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पहले से ही आंतरिक खींचतान का सामना कर रही है। ऐसे में पार्टी विधायकों के इस तरह के बयानों से बीजेपी को राजनीतिक फायदा मिल सकता है। खासकर तब जब राज्य में अगले साल कई महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस आलाकमान इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और क्या पार्टी अपने विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है या नहीं।