रीवा में मास्टर जी की खुल गई पोल, नही पढ़ पाए तीसरी कक्षा की किताब

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. त्योथर विकास खंड के रायपुर संकुल में स्थित बारीचौरा प्राथमिक विद्यालय में एक ऐसा शिक्षक पिछले 25 वर्षों से कार्यरत है जो ठीक से अपना नाम भी नहीं लिख पाता और न ही पढ़ पाता है.

दिनेश द्विवेदी नामक यह शिक्षक पिछले ढाई दशक से सरकारी नौकरी में है. वीडियो में दिखाए गए सबूतों के अनुसार, वह न तो अपना नाम ठीक से लिख पाए और न ही कक्षा 3 की किताब को ठीक से पढ़ पाए। उन्होंने खुद यह स्वीकार किया कि वह पढ़ने-लिखने में कमजोर थे और किसी तरह “जुगाड़” लगाकर नौकरी हासिल कर ली। यह घटना शिक्षा के स्तर और भर्ती प्रक्रिया में व्याप्त भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि शिक्षक दिनेश द्विवेदी की इस अक्षमता के बारे में संकुल, बी.ओ. और बी.आर.सी.सी. कार्यालय के अधिकारियों को भी जानकारी है. इसके बावजूद, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है. वीडियो में यह आरोप लगाया गया है कि कई भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से ऐसे अयोग्य लोग सरकारी पदों पर बने हुए हैं.

इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। स्कूल के हेडमास्टर शिवनाथ आदिवासी ने दावा किया कि अतिथि शिक्षक नियमित रूप से स्कूल आते हैं, जबकि बच्चों ने बताया कि वे कभी नहीं आते. इसके अलावा, रजिस्टर में अतिथि शिक्षकों के लिए कैजुअल लीव (CL) भी जारी की गई थी, जबकि हेडमास्टर ने यह भी स्वीकार किया कि उनके पास अतिथि शिक्षकों का कोई रजिस्टर नहीं है.यह विरोधाभास स्कूल के प्रबंधन और पारदर्शिता पर भी संदेह पैदा करता है.

यह घटना दर्शाती है कि मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की तत्काल आवश्यकता है और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है ताकि बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सके.

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