उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश (Mosoon Heavy Rain) ने हालात बेहद गंभीर कर दिए हैं। उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन और बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जबकि राजस्थान में बाढ़ (Weather Update Today) जैसे हालात बन गए हैं। डलहौजी में बादल फटने से पुल और वाहन बह गए, वहीं जम्मू में 99 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूटा। मौसम विभाग (IMD Alert) ने अगले दो दिनों तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है और लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तबाही
हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में बादल फटने से गुनियाला गांव में बाढ़ आ गई, जिसमें एक पुल और पांच वाहन बह गए। चलती बस और कारों पर पेड़ गिरने से बड़ा हादसा टल गया। चंबा और कुल्लू में 482 सड़कें बंद हैं और कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जम्मू शहर में 190.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 99 साल में सबसे अधिक है। कटड़ा में माता वैष्णो देवी का मार्ग 10 घंटे तक बंद रहा और कुपवाड़ा में इमारत गिरने से 30 लोग घायल हुए।
गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ राजमार्ग बंद
उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ राजमार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं। मौसम विभाग ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। चंबा और कुल्लू में 482 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इस बीच, ऊना, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और हमीरपुर जिलों में सभी शिक्षण संस्थान सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जम्मू शहर में 190.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 99 वर्षों में सबसे अधिक है।
MP और राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
राजस्थान में कोटा, बूंदी और टोंक जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नागौर और कोटा में घर गिरने से तीन लोगों की मौत हुई है। राहत कार्य के लिए वायुसेना का एमआइ-17 हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से 22 गांव टापू बन गए हैं और कई गांवों में पानी घुस गया है।