बलिया में BJP नेता को घसीटते हुए ले गई पुलिस! इंजीनियर को जूते से पीटने के मामले में हुए गिरफ्तार, समर्थकों ने काटा बवाल

उत्तर प्रदेश के बलिया में बीजेपी नेता मुन्ना बहादुर सिंह द्वारा दफ्तर में घुसकर बिजली विभाग के इंजीनियर को जूते से पीटने के मामले में नया मोड़ आ गया है. रविवार को जब पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले गई, तो वहां हंगामा खड़ा हो गया. मुन्ना बहादुर ने पुलिस की गाड़ी में बैठने से मना कर दिया और उनके समर्थकों ने भी मौके पर जमकर बवाल काटा. हालांकि, पुलिसकर्मियों ने घसीट कर मुन्ना को गाड़ी में बैठा लिया और वहां से निकल गई.

पुलिस और बीजेपी समर्थकों में झड़प

यह घटना बलिया में बीते रविवार को हुई. बीजेपी नेता मुन्ना बहादुर, जिन्हें पुलिस ने इंजीनियर को पीटने के आरोप में हिरासत में लिया था, सीने में दर्द की शिकायत के बाद जिला अस्पताल ले जाए गए. मेडिकल जांच के बाद जब पुलिस उन्हें वापस गाड़ी में बिठाने लगी, तो उन्होंने इसका विरोध किया. इसी बीच, सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. ऐसे में पुलिस को मुन्ना को जबरन गाड़ी तक घसीटकर ले जाना पड़ा, जिसके बाद ही वह बैठने को राजी हुए.

हालांकि, पुलिस वाहन में बैठने से पहले मुन्ना बहादुर सिंह ने खूब ड्रामा किया. उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की. साथ ही कहा कि उन्होंने लोगों की समस्या उठाई थी, लेकिन इंजीनियर के लोगों ने उनपर हमला किया. अब पुलिस उन्हें ही अरेस्ट कर रही है.

क्या था पूरा मामला?

पूरा विवाद शनिवार को बिजली कटौती की शिकायत को लेकर शुरू हुआ. बीजेपी नेता मुन्ना बहादुर बिजली विभाग के इंजीनियर श्रीलाल सिंह के ऑफिस पहुंचे थे. बातचीत के दौरान दोनों में बहस हुई और मुन्ना ने इंजीनियर को जूते से पीट दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.

इंजीनियर श्रीलाल सिंह ने आरोप लगाया कि मुन्ना ने उनके साथ जातिसूचक गालियां देते हुए मारपीट की. वहीं, मुन्ना बहादुर का आरोप है कि इंजीनियर ने उनके कार्यकर्ताओं के साथ बदतमीजी की और कर्मचारियों ने उन पर हमला किया.

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

सीओ सिटी श्यामाकांत ने बताया कि इंजीनियर की तहरीर पर मुन्ना बहादुर के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पीड़ित इंजीनियर का मेडिकल भी कराया गया है. बीते दिन मुन्ना बहादुर को जिला अस्पताल से गिरफ्तार किया गया. अब उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस घटना ने बलिया में सियासी माहौल गरमा दिया है.

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