हिरासत में लिए SSC छात्र छोड़े गए… बवाल के बाद छावनी में तब्दील हुआ रामलीला मैदान

कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के विरोध में दिल्ली के रामलीला मैदान में छात्र आंदोलन कर रहे हैं. हजारों छात्र और शिक्षक दिल्ली के रामलीला मैदान जुटे हुए हैं. बीते दिन विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 44 छात्रों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया है. हालांकि कांग्रेस ने आरोप लगाए गए हैं कि दिल्ली पुलिस ने आंदोलन को कुचलने की कोशिश करते हुए छात्रों को पीटा है. वहीं, पुलिस ने एसएससी छात्रों को शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी.

देशभर के अलग-अलग हिस्सों से आए हजारों की संख्या में एसएससी छात्रों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार सुबह 10 बजे से अपना प्रदर्शन शुरू किया. उनके पास शाम 5 बजे तक की दिल्ली पुलिस की तरफ से दी गई परमिशन थी. बड़ी संख्या में छात्र निश्चित समय के बाद वापस चले गए, लेकिन फिर भी करीब 100 छात्र रामलीला मैदान में रुक गए और प्रदर्शन जारी रखा, जिसके बाद दिल्ली पुलिस वहां पर पहुंची और बताया जा रहा है कि पहले वहां की बिजली काटी गई और उसके बाद छात्रों को हटाने की कोशिश की गई.

रामलीला मैदान में दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनाती

छात्रों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस के साथ उनकी बहस हुई और दिल्ली पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज भी किया. डीसीपी सेंट्रल दिल्ली निधिन वाल्सन के मुताबिक, 44 छात्रों को हिरासत में लिया गया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया. हालांकि पूरे मामले पर राजनीति तेज हो गई है और कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया. फिलहाल रामलीला मैदान में अब किसी भी छात्र को इकट्ठा होने की परमिशन नहीं है और रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है.

छात्रों की तरफ से कहा गया था कि उन्हें 24 और 25 अगस्त की सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए अनुमति मिली हुई है. उन्होंने पुलिस से कहा था कि किसी भी परिस्थिति में शाम 5 बजे के बाद प्रदर्शन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. छात्रों को रात में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी.

छात्र क्या लगा रहे हैं आरोप?

शुरुआत में एसएससी की जो भर्ती प्रक्रिया सीधी-सादी लग रही थी, वह तब विवादास्पद हो गई जब एसएससी परीक्षार्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में प्राशसनिक खामियों, तकनीकी गड़बड़ियोंऔर परीक्षा केंद्रों की खराब स्थिति का आरोप लगाया. शिक्षकों सहित प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कुछ छात्रों को उनके घरों से 400 से 500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र दिए गए. इतने दूर सेंटर दिए जाने की वजह से छात्रों के काफी समस्याएं हुईं. यही नहीं, एसएससी ने छात्रों को इतनी दूर सेंटर दिए जिसमें उनका समय और पैसा बर्बाद हुआ. इसके बाद कई छात्र यह जानकर हैरान रह गए कि उनकी परीक्षाएं बिना किसी सूचना के रद्द कर दी गईं.

पीटीआई से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी शिक्षक ने कहा, ‘उम्मीदवारों को दूर-दराज के स्थानों पर भेजा जा रहा है, जहां पहुंचने पर उन्हें पता चलता है कि परीक्षा रद्द कर दी गई है. एक केंद्र पर, जब छात्र ऊपर परीक्षा दे रहे थे, तो हमने ग्राउंड फ्लोर पर मवेशियों को देखा. कई केंद्रों पर बाउंसर तैनात किए गए हैं ताकि वास्तविक चिंताएं जताने वाले अभ्यर्थियों को चुप कराया जा सके.’

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