डीडवाना – कुचामन: स्मार्ट मीटर लगाने, बिजली के निजीकरण और लगातार हो रही अघोषित कटौती ने आखिरकार ग्रामीणों के सब्र का बांध तोड़ दिया. सोमवार को छोटी खाटू एईएन कार्यालय के बाहर शेरानी आबाद से पहुंचे ग्रामीणों ने पहुंचकर जोरदार नारेबाजी की और सरकार व बिजली विभाग के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया.
उमड़ा जनसैलाब
धरना स्थल पर सुबह 11:30 बजे से ही आसपास के गांवों और ढाणियों से ग्रामीणों का जुटना शुरू हो गया. थोड़े ही समय में माहौल गरमा गया और भीड़ ने एकजुट होकर कार्यालय को घेर लिया. गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सरकार जनविरोधी निर्णय वापस नहीं लेगी, आंदोलन और तेज होगा.
नेताओं और संगठनों का समर्थन
इस उग्र प्रदर्शन में यूथ कांग्रेस नागौर उपाध्यक्ष नफीस अहमद, पूर्व सरपंच कल्याण सिंह राठौड़ (छोटी खाटू), पूर्व सरपंच पन्ने खा, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि लुकमान खान सहित कई संगठन और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. किसान नेता भागीरथ नेतड़ (जिला अध्यक्ष किसान सभा), देवाराम मांडिया, रामचंद्र रनवा, जगदीश गोदारा, मोतीलाल शर्मा, मनोज स्वामी, सांवताराम बांसा, मांगूराम निवाद, रामनारायण, रामकिशोर टाक, लुकमान खान, फारुक अहमद ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों का साथ दिया और आंदोलन को अपना समर्थन दिया.
क्यों भड़के ग्रामीण?
ग्रामीणों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा. बिजली का निजीकरण सीधे तौर पर आमजन के हितों के खिलाफ है और इससे गांव-गांव तक बिजली महंगी और मुश्किल हो जाएगी। घोषित कटौती ने तो हालात और बिगाड़ दिए हैं—गांवों में पानी की सप्लाई रुकती है, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं.
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने साफ कहा कि यदि सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने और निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लिया तो यह विरोध और भी उग्र रूप लेगा। किसानों और आम उपभोक्ताओं ने चेतावनी दी कि आने वाले समय में सड़क से सदन तक आंदोलन की लहर उठेगी.