छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रेलवे कोचिंग डिपो में हुए हादसे में घायल युवक की मौत हो गई है। ठेका श्रमिक शनिवार को वंदे भारत के एक्स्ट्रा कोच का एसी ठीक करते समय 133KV हाईटेंशन तार की चपेट में आकर झुलस गया था। सोमवार की सुबह इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया। रेलवे ने इस हादसे की जांच के लिए रेलवे ने 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है।
दूसरी तरफ इस मामले में पीड़ित के सहकर्मी की शिकायत पर सिरगिट्टी थाने में सुरक्षा इंचार्ज मीणा (सीनियर सेक्शन इंचार्ज) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथी कर्मचारी ने बताया कि मीणा सर ने बारिश में काम करने कहा। फिर बिना सूचना बिजली लाइन चालू कर दी गई। घटना का वीडियो भी सामने आया था।
छत पर चढ़कर एसी का लीकेज सुधार रहे थे
जानकारी के अनुसार, झुलसा रेलकर्मी प्रताप बर्मन और उसका साथी चरणदास मानिकपुरी (निवासी ग्राम मुलमुला, जांजगीर-चांपा) कुमार इंजीनियरिंग कंपनी में कार्यरत हैं। वे दोनों 23 अगस्त को रोज की तरह ट्रेन की छत पर चढ़कर एसी लीकेज सुधारने का काम कर रहे थे।
बारिश होने पर वे नीचे उतर आए। कुछ देर बाद वहां मौजूद साइट इंचार्ज मीणा ने उन्हें फिर से ऊपर चढ़ने को कहा। चरणदास ने बताया कि मीणा सर के कहने पर ही बारिश के बाद भी प्रताप ट्रेन की छत पर लीकेज सुधारने चढ़ा।
साइट इंचार्ज के कहने पर बारिश में दोबारा चढ़ा
चरणदास के मुताबिक, जैमर (करंट बंद करने वाला यंत्र) बंद है या नहीं, इसकी जानकारी मीणा को होती है। मीणा के कहने पर प्रताप ट्रेन के ऊपर चढ़ा, जहां उसे 25,000 वॉट का करंट लगा। वह करीब 10-15 मिनट तक छत पर पड़ा रहा, लेकिन तब भी जैमर बंद नहीं किया गया। थोड़ी देर में प्रताप को होश आया और जैसे ही वह उठने लगा, दोबारा करंट लगने से वह ट्रेन से नीचे गिर गया।
अचानक किसी ने बिजली लाइन चालू कर दी
घटना का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में युवक दर्द से तड़पते हुए दिखाई दे रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रताप बर्मन, एक ठेका कंपनी के तहत काम कर रहा था। प्रताप कोच के एसी के लीकेज को सुधारने का काम कर रहा था, तभी अचानक किसी ने बिजली लाइन चालू कर दी।
युवक का संपर्क ऊपर से गुजर रहे हाई वोल्टेज तार से हो गया। साथी कर्मचारियों ने कहा कि रेलवे अधिकारियों की लापरवाही के कारण ये घटना हुई है। प्रताप बर्मन का शरीर बुरी तरह झुलस गया। गंभीर हालत में उस रेलवे अस्पताल लाया गया।
उसकी हालत को देखते हुए सिम्स रेफर कर दिया है। घायल को शनिवार दोपहर 2:20 बजे सिम्स के बर्न यूनिट में भर्ती किया गया। 3:45 बजे परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया था। सोमवार सुबह इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
कर्मचारी बोले- मीणा सर के कहने ऊपर चढ़े थे
साथी ठेका कर्मचारी चरणदास का कहना है कि, हम वाटर टेस्टिंग करते हैं। रेलवे कर्मचारी मीणा सर ने कहा कि जैमर लग गया है। ऊपर चढ़ जाओ। हम ऊपर चढ़े तो बारिश होने लग गई। इसके बाद नीचे उतर गए।
लेकिन मीणा सर ने कहा कि, दूसरे जगह काम करना है। काम खत्म करो और पाइप निकाल कर जल्दी ले आओ। जैमर का काम वही देखते हैं। उनके कहने पर ही हम ऊपर चढ़े। इस दौरान कर्मचारी हाई वोल्टेज तार की चपेट में आ गया।
काम के समय बिजली लाइन चालू थी
पीड़ित के दोस्त अरुण सोनवानी ने बताया कि, मुझे कॉल आया कि एक्सीडेंट हो गया है। जब अस्पताल पहुंचा तो उसे रेलवे अस्पताल लेकर पहुंच गए थे। वहां पता चला कि 133 केवी लाइन बिजली तार की चपेट में आया है। काम करने के दौरान बिजली लाइन बंद कर दी जाती है, लेकिन उस दौरान सप्लाई चालू थी।
वंदे भारत ट्रेन आने के चलते लाइन चालू कर दिया गया था, लेकिन इसकी सूचना इधर कर्मचारियों को नहीं दी गई है। इस घटना में ठेकेदार की लापरवाही है। उसने कर्मचारियों को सूचना नहीं दी की लाइन चालू है, दोस्त को पता होता तो हादसा नहीं होता।