सुपौल में ग्रुप लोन वालों की कहानी, पीड़ित महिलाओं की खबर में जानिये जुबानी

सुपौल: सरकार जहां विभिन्न योजनाओं और बैंकों के माध्यम से गरीबों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने की कोशिश कर रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रुप लोन देने वाली निजी कंपनियों के खेल ने गरीब परिवारों की कमर तोड़ दी है. इन कंपनियों के बीच घुसपैठ कर चुके बिचौलिए अब गरीब महिलाओं के खून-पसीने की कमाई डकार रहे हैं.

ताजा मामला सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड के बिशनपुर वार्ड नंबर 5 से सामने आया है. यहां दर्जनों महिलाओं ने आरबीएल कंपनी से समूह के माध्यम से लोन लिया था. महिलाओं ने बताया कि बीते 16 माह से नियमित रूप से किस्त जमा कर रही थीं, लेकिन अब जाकर खुलासा हुआ कि उनकी जमा राशि लोन खाते में चढ़ी ही नहीं. बीच के बिचौलिए पूरा पैसा हड़प गए. बिशनपुर की पीड़ित महिलाओं ने बताया कि लोन की प्रक्रिया के दौरान गांव के ही कुछ युवक कंपनी के एजेंट बनकर साथ थे. लोन मिलने के बाद महिलाओं ने हर महीने किस्त उन एजेंटों को जमा की. अब जाकर पता चला कि किस्त कंपनी तक पहुंची ही नहीं.

गांव में फैले ग्रुप लोन सिस्टम में बिचौलियों की भूमिका सबसे बड़ी समस्या बन गई है

महिलाओं का कहना है कि 16 माह तक ईमानदारी से पैसा चुकाया, लेकिन कंपनी के लोग आज हमसे ही वसूली के लिए घर-घर आ रहे हैं. अब दोबारा पैसा कहां से लाएं. इस संबंध में पूछे जाने पर आरबीएल कंपनी के बीएमओ मंटू कुमार ने कहा कि कंपनी को महिलाओं से सीधे पैसा नहीं मिला है. लोन खाते में राशि जमा नहीं होने के कारण ही बकाया का डिमांड किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि महिलाओं ने किसको पैसा दिया. गांव में फैले ग्रुप लोन सिस्टम में बिचौलियों की भूमिका सबसे बड़ी समस्या बन गई है. कंपनी और गरीब परिवारों के बीच ये बिचौलिए मध्यस्थ बनकर खड़े हो जाते हैं और मौका पाकर लाखों की वसूली कर लेते हैं.

बिचौलियों की लूट और कंपनियों की अनदेखी ने कर्ज के जाल में फंसा दिया है

महिलाओं का कहना है कि कंपनी अगर सीधे लाभार्थियों से वसूली करती तो यह समस्या खड़ी ही नहीं होती. महिलाओं ने प्रशासन से इस धांधली पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि गरीब परिवार बड़ी उम्मीद से कर्ज लेते हैं, ताकि छोटे-मोटे व्यवसाय या परिवार की जरूरतें पूरी कर सकें. लेकिन बिचौलियों की लूट और कंपनियों की अनदेखी ने उन्हें कर्ज के जाल में फंसा दिया है. महिलाओं ने जिला प्रशासन और पुलिस से गुहार लगाई है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई हो.

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