सोनभद्र के विंढमगंज थाना क्षेत्र के धरतीडोलवा गांव में एक दुखद रेल हादसा हुआ, जिसमें एक मजदूर की जान चली गई. 35 वर्षीय प्रदीप पासवान, जो हर दिन की तरह मजदूरी के लिए रेणुकूट जा रहे थे, नगर ऊंटरी से आ रही एक ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसा इतना भीषण था कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
विंढमगंज स्टेशन पर ओवरब्रिज या अंडरपास न होने की वजह से, गांव के लोगों को सीधे पटरियां पार करके जाना पड़ता है. इस मजबूरी ने प्रदीप की जान ले ली. हादसा सुबह का है, जब प्रदीप अपनी रोज की मजदूरी के लिए निकल रहे थे. उनकी जेब से विंढमगंज से रेणुकूट तक का टिकट मिला, जो इस बात का सबूत है कि वह काम पर जा रहे थे. इस दुखद घटना के बाद स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही, आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया.
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
प्रदीप के पीछे उनकी पत्नी रिंकी देवी और पांच बच्चे रह गए हैं. इनमें सबसे बड़ी बेटी छाया 16 साल की है, उसके बाद सिया (14), अंशिका (12), शौर्य (10) और सबसे छोटी बेटी सिर्फ 1 साल की है। प्रदीप खेती और मजदूरी करके अपने पूरे परिवार का पेट पालते थे। इस हादसे ने न केवल एक मेहनती इंसान की जान ली है, बल्कि एक पूरे परिवार के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है.
ग्रामीणों ने की मुआवजे और सुविधाओं की मांग
इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों और ग्राम प्रधान सुरेंद्र पासवान ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की है. सुरेंद्र पासवान ने बताया कि इस स्टेशन पर ओवरब्रिज और अंडरपास की कमी के चलते पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं. ग्रामीणों ने सरकार से पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक मदद देने, और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और पालन-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उठाने की अपील की है.