मऊगंज: प्रकृति जब अपने चमत्कार दिखाती है, तो दृश्य किसी अजूबे से कम नहीं होता. मऊगंज जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर हनुमना जनपद के ग्राम पांती मिश्रान के खोखला इलाके में ऐसा ही एक अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. यहां वर्षों से दो विशाल पत्थरों के बीच से लगातार जलधारा निकल रही है. इस अद्वितीय धारा को लोग “आमादरी” नाम से जानते हैं.
ग्रामीण बताते हैं कि करीब 400 फीट गहराई से निकलने वाला यह जल किसी भी मौसम में सूखता नहीं है. गर्मी की तपन हो या सर्दियों की ठंडक—आमादरी की धार सदा बहती रहती है. यही वजह है कि इसे लोग प्राकृतिक वरदान मानते हैं. यहां का पानी इतना मीठा और शुद्ध है कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाए हुए हैं.
नामकरण की कहानी भी दिलचस्प
स्थानीय लोग बताते हैं कि इस जगह को “आमादरी” नाम इसलिए मिला, क्योंकि कभी यहां आम के सैकड़ों पेड़ हुआ करते थे. समय के साथ पेड़ तो खत्म हो गए, लेकिन नाम आज भी उसी रूप में कायम है.
पर्यटन की अपार संभावनाएं
ग्रामीणों का मानना है कि यदि प्रशासन ध्यान दे तो आमादरी न सिर्फ जल संकट से जूझ रहे गांवों की प्यास बुझा सकता है, बल्कि पर्यटन के लिए भी बड़ा आकर्षण बन सकता है. पहले के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने यहां निरीक्षण कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही थी, लेकिन उनका स्थानांतरण होने से योजना अधूरी रह गई. अब वर्तमान कलेक्टर संजय कुमार जैन ने भी आश्वासन दिया है कि जल्द निरीक्षण कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
ग्रामीणों की अपील
गांव के लोगों की मांग है कि यहां सड़क सुविधा, बैठने की व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाए. इससे यह जगह पर्यटकों के लिए सुरक्षित और आकर्षक बनेगी. आमादरी का रहस्य और इसकी सतत जलधारा आज भी प्रकृति के उस चमत्कार की गवाही देती है, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो जाए. यदि इसे सही दिशा दी गई, तो यह स्थल आने वाले समय में मऊगंज का प्राकृतिक पर्यटन केंद्र बन सकता है.