सूरजपुर: जंगलों पर अवैध कब्जा और हाथियों का आतंक, वन विभाग की निष्क्रियता पर उठे सवाल

सूरजपुर: जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में जंगल और ग्रामीण दोनों ही संकट की जद में हैं. एक ओर जंगली हाथियों का आतंक ग्रामीणों की जानों के लिए गंभीर खतरा बन गया है, वहीं दूसरी ओर जंगलों पर खुलेआम अतिक्रमण हो रहा है. धरमपुर रेंज के ग्राम बगड़ा और पलढा में जेसीबी मशीनों के जरिए जंगल की भूमि पर खेती शुरू कर दी गई है. पेड़ों की कटाई और भूमि अधिग्रहण खुलेआम जारी है. ग्रामीणों की शिकायतों और रेंजर को जानकारी देने के बावजूद वन विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब से उत्तम मिश्रा वन परिक्षेत्र अधिकारी बने हैं, जंगलों में अतिक्रमण और हाथियों का आतंक और बढ़ गया है. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह सब संभव नहीं. अतिक्रमणकारियों का हौसला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और वे दिन-दहाड़े मशीनों से जंगल को खोद रहे हैं.

यदि यही स्थिति जारी रही, तो जंगल का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा और वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास पूरी तरह खत्म हो जाएगा. हाथियों के हमले और अतिक्रमण के बीच जंगल दोहरी मार झेल रहा है.

ग्रामीण अब सवाल उठा रहे हैं?

वन विभाग कब जागेगा? कब होगी कार्रवाई? और जंगल बचाने की जिम्मेदारी कौन लेगा? प्रशासनिक कार्रवाई में देरी के कारण भविष्य में बड़े नुकसान का खतरा है. स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो जंगल केवल कागजों में ही बचेंगे, जबकि वास्तविकता में वन्यजीव और जंगल खतरे में होंगे.

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